हरियाणा विधानसभा चुनाव में कुमारी सैलजा की खामोशी ने सबको आश्चर्यचकित कर दिया है। दूसरे दलों ने उनकी खामोशी को चुनावी मुद्दा बना लिया है, और जब उनसे कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो स्थिति और भी गरमा गई। इस बीच, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने उन्हें भाजपा में शामिल होने का ऑफर दिया। लेकिन अब कुमारी सैलजा ने मनोहर लाल के ऑफर का जवाब दे दिया है, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है।
कुमारी सैलजा ने बीजेपी और बसपा के ऑफर को साफ इनकार कर दिया है, और साथ ही उन्होंने फिर से हरियाणा की मुख्यमंत्री बनने की अपनी इच्छा जताई है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा की चिंता बढ़ गई है। एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में सैलजा ने कहा कि वह कांग्रेस पार्टी से नाराज नहीं हैं, लेकिन कुछ अंदरूनी मुद्दे हैं जिन पर चर्चा करनी जरूरी है। उन्होंने साफ कहा कि वह मरते दम तक कांग्रेस नहीं छोड़ेंगी।
कुमारी सैलजा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी आगे बढ़ रही है, कांग्रेस के साथ हरियाणा के लोग आगे बढ़ रहे हैं। लोग हमारी तरफ देख रहे हैं। सारा देश बोल रहा है कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनेगी। मैं समझती हूं कि उसमें थोड़ा-बहुत योगदान सैलजा का भी होगा। चुनाव प्रचार से दूरी बनाने के सवाल पर सैलजा ने कहा, ‘प्रचार के लिए पहले निकले हैं और आगे भी अब निकलेंगे।
टिकट बंटवारे में सैलजा के उम्मीदवारों को वरीयता ना मिलने के सवाल पर सैलजा ने कहा कि अपनी अपनी सिफारिश सभी देते हैं। अंत में किसका क्या होता है और किस्मत किसकी चमकती है ये समय तय करता है। कुछ चीजें होती हैं पार्टी में और ये हर चुनाव में होती हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि वे उकलाना से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हैं, क्योंकि यह उनका गांव है और वहां पर उन्होंने काम किया है। हालांकि, पार्टी ने अंतिम निर्णय लिया है।
बीजेपी के ऑफर को ठुकराया
कुमारी सैलजा ने बीजेपी और मनोहर लाल खट्टर के ऑफर को साफ तौर पर ठुकरा दिया है। उन्होंने कहा कि उनका राजनीतिक जीवन बीजेपी के कई नेताओं से ज्यादा लंबा है और उन्हें अपना रास्ता तय करना अच्छी तरह से पता है। सैलजा ने यह भी कहा कि बीजेपी नेता उन्हें नसीहत न दें, क्योंकि वह अपनी पार्टी और नेता के प्रति पूरी तरह से कमिटेड हैं।
उन्होंने बीजेपी में शामिल होने की बात को भी सिरे से खारिज कर दिया, कहा कि उनकी रगों में कांग्रेस का खून है और वह कभी भी ऐसा नहीं सोच सकती हैं। सैलजा ने यह भी कहा कि जैसे उनके पिताजी कांग्रेस के तिरंगे में लिपटकर गए थे, वैसे ही वह भी कांग्रेस के तिरंगे में लिपटकर जाएंगी।
सीएम बनने की इच्छा जाहिर
मुख्यमंत्री बनने के दावे को लेकर कुमारी सैलजा ने कहा कि सीएम की दावेदारी तो कोई भी रख सकता है, दावेदारी हर एक की हो सकती हैं। सैलजा कभी न हताश होती है, न निराश होती है। मैंने बहुत से मुकाम और उतार-चढ़ाव देखे हैं। एक राजनेता के तौर पर मेरी भी इच्छा है कि मैं मुख्यमंत्री बनूं। अभी हरियाणा में मुख्यमंत्री बनने का रास्ता खुला हुआ है। कांग्रेस ने किसी भी नेता को सीएम चेहरा घोषित नहीं किया है। कांग्रेस में सीएम का चेहरा चुनाव के बाद पार्टी हाईकमान तय करता है। सैलजा ने कहा कि पहली बात तो यह भी नहीं पता है कि चुनाव के बाद मुख्यमंत्री कौन बनेगा। सीएम का फैसला हमेशा हाईकमान करता है। इसके अलावा सेल्फ प्रोटेक्शन तो सभी लोग करते हैं।
सैलजा ने मख्यमंत्री बनने की इच्छा जाहिर करके भूपेंद्र सिंह हुड्डा की टेंशन बढ़ा दी है। कांग्रेस सत्ता में वापसी करती है तो सैलजा भी मुख्यमंत्री बनने की दावेदारी करेंगी। सैलजा दलित समाज से आती हैं और कांग्रेस जिस तरह दलित समुदाय को साधने के लिए लगातार कोशिश कर रही है। ऐसे में कुमार सैलजा के नाम को दरकिनार करना कांग्रेस नेतृत्व के लिए आसान नहीं है।