धनतेरस और दिवाली के त्योहारी सीजन में इस बार सोने और चांदी की खरीदारी लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है, क्योंकि सोने की कीमतें ऐतिहासिक रूप से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी हैं। सोने की बढ़ती कीमतों के साथ-साथ चांदी की कीमतें भी तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे आम उपभोक्ताओं के लिए इनकी खरीद करना मुश्किल हो गया है। 23 अक्टूबर 2024 को भारत में सोने की कीमतें 80,220 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गईं, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है।
वैश्विक और घरेलू कारण
इस अभूतपूर्व वृद्धि के पीछे कई वैश्विक और घरेलू कारण हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के कारण वैश्विक वित्तीय बाजारों में अनिश्चितता बनी हुई है, जिससे निवेशक सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं। सोना हमेशा से ही सुरक्षित निवेश के रूप में देखा जाता है, और जब वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताएं बढ़ती हैं, तब इसकी मांग में इजाफा होता है।
इसके अलावा, वैश्विक स्तर पर डॉलर के प्रभुत्व को कम करने के लिए उठाए जा रहे कदमों, खासकर ब्रिक्स देशों द्वारा डी-डॉलराइजेशन की दिशा में उठाए गए कदमों ने भी सोने की कीमतों में तेजी लाई है। ब्रिक्स देशों की ओर से डॉलर पर निर्भरता कम करने की पहल के चलते सोने की मांग में बढ़ोतरी हुई है, क्योंकि सोने को डॉलर के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। इसके साथ ही, अमेरिका और अन्य बड़े देशों की वित्तीय नीतियों के चलते वैश्विक आर्थिक स्थिरता पर प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है, जिससे सोने की मांग बढ़ी है।
भारत में सोने और चांदी की कीमतों पर त्योहारी सीजन का भी प्रभाव पड़ा है। धनतेरस और दिवाली के अवसर पर भारत में सोने की खरीदारी पारंपरिक रूप से एक महत्वपूर्ण गतिविधि होती है। लोग इस समय सोने और चांदी को शुभ मानते हैं और इसे खरीदने के लिए उत्साहित रहते हैं। इस साल, त्योहारी सीजन में सोने और चांदी की मांग ने कीमतों में और तेजी ला दी है।
सोने और चांदी की कीमतें
भारत में सोने की कीमतें 23 अक्टूबर को 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार कर गईं, जो अब तक की सबसे ऊंची कीमत है। 24 कैरेट सोने की कीमत 80,220 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई, जो सोने की बढ़ती मांग और वैश्विक अनिश्चितताओं को दर्शाता है। इससे पहले सोने की कीमतें इतनी ऊंचाई पर कभी नहीं गई थीं।
चांदी की कीमतों में भी तेज उछाल देखने को मिल रहा है। 23 अक्टूबर 2024 को चांदी की कीमत 99,791 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई। यह आंकड़ा बताता है कि चांदी जल्द ही 1 लाख रुपये प्रति किलोग्राम का स्तर पार कर सकती है। चांदी की कीमतों में तेजी का मुख्य कारण वैश्विक आर्थिक उठापटक और निवेशकों द्वारा चांदी को सुरक्षित निवेश के रूप में देखा जाना है।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर दिसंबर डिलीवरी वाले सोने की कीमत 78,702 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी की कीमत 99,791 रुपये प्रति किलोग्राम पर ट्रेंड कर रही है। यह तेजी सोने और चांदी की बढ़ती मांग को स्पष्ट रूप से दर्शाती है।
निवेशक और उपभोक्ता
सोने और चांदी की कीमतों में इस तेजी ने निवेशकों को आकर्षित किया है। वैश्विक और घरेलू अनिश्चितताओं के चलते निवेशक स्टॉक्स और बांड्स से हटकर सुरक्षित निवेश विकल्पों जैसे सोने और चांदी की ओर रुख कर रहे हैं। सोने को हमेशा से ही आर्थिक अस्थिरता के समय में सुरक्षित निवेश माना गया है, और इस साल भी सोने की कीमतों में वृद्धि इसी बात को दर्शाती है।
हालांकि, बढ़ती कीमतों ने आम उपभोक्ताओं को चिंतित कर दिया है। धनतेरस और दिवाली के समय सोने और चांदी की खरीदारी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, लेकिन इस साल ऊंची कीमतों के चलते आम लोग सोने और चांदी की खरीदारी करने में असमर्थ हो सकते हैं। सोने की ऊंची कीमतों के कारण लोग कम मात्रा में सोने की खरीदारी कर रहे हैं, जबकि कुछ लोग इसकी बजाय चांदी खरीदने का रुख कर सकते हैं, हालांकि चांदी की कीमतें भी बढ़ रही हैं।
भविष्य की संभावनाएं
आने वाले दिनों में सोने और चांदी की कीमतों में और वृद्धि होने की संभावना जताई जा रही है। वैश्विक आर्थिक हालात, अमेरिकी चुनाव, और ब्रिक्स देशों की ओर से उठाए जा रहे कदम सोने और चांदी की मांग को बनाए रख सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सोने की कीमतें 2024 के अंत तक और भी ऊंची हो सकती हैं, जिससे इसका निवेश आकर्षण और बढ़ सकता है।
कुल मिलाकर, सोने और चांदी की कीमतों में यह तेजी आर्थिक अनिश्चितताओं और त्योहारी मांग का मिश्रण है। जहां निवेशक इसे अवसर के रूप में देख रहे हैं, वहीं आम उपभोक्ता इसके चलते सोने-चांदी की खरीदारी करने में हिचकिचा सकते हैं।