कुछ दिनों से भारतीय शेयर बाजार में एक अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है, जिससे निवेशकों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। हाल ही में, सेंसेक्स में 930 अंकों की भारी गिरावट आई थी, जबकि निफ्टी में भी 300 अंकों से अधिक की कमी देखी गई। इस अस्थिरता के चलते निवेशकों की कुल वैल्यूवेशन में लगभग 9 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। सोमवार से लेकर मंगलवार तक के दो दिनों में ही निवेशकों को कुल 13 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।
निफ्टी के भविष्य का अनुमान
दिग्गज ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए (CLSA) ने एक चिंताजनक भविष्यवाणी की है, जिसमें कहा गया है कि निफ्टी 50 इंडेक्स मौजूदा स्तर से लगभग 1,000 अंक और गिर सकता है। सीएलएसए के शीर्ष चार्टिस्ट लॉरेंस बालांको ने यह अनुमान लगाया है कि निफ्टी अगले 20 कारोबारी सत्रों में 23,300 के स्तर तक गिर सकता है। वर्तमान में, निफ्टी अपने पिछले रिकॉर्ड हाई 26,277 से लगभग 7% नीचे कारोबार कर रहा है।
बाजार में हालिया स्थिति
बुधवार को निफ्टी 37 अंकों की गिरावट के साथ 24,435 पर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्स 138 अंकों की कमी के साथ 80,081 पर बंद हुआ। बैंक निफ्टी, स्मॉल कैप और मिडकैप इंडेक्स में भी गिरावट देखी गई। बीएसई के शीर्ष 30 शेयरों में से केवल 8 शेयर बढ़त दिखाने में सफल रहे, जबकि 22 शेयर गिरावट में रहे। एनटीपीसी और महिंद्रा जैसे शेयरों में 3% से अधिक की गिरावट आई।
गिरावट के कारण
विशेषज्ञों के अनुसार, इस गिरावट का सबसे बड़ा कारण कंपनियों के मुनाफे में आई कमी है। कई कंपनियों के तिमाही नतीजे अपेक्षाकृत खराब रहे हैं, जिससे निवेशकों में मुनाफावसूली की प्रवृत्ति बढ़ गई है। इसके अलावा, इस महीने में विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से रिकॉर्ड निकासी की है, जो कि लगभग 1 लाख करोड़ रुपये के आसपास पहुंच चुकी है। 21 अक्टूबर तक, विदेशी निवेशकों ने 88,244 करोड़ रुपये निकाल लिए हैं।
वैश्विक दबाव
ग्लोबल मार्केट में भी लगातार दबाव बना हुआ है, विशेषकर अमेरिकी चुनावों के चलते। इस स्थिति ने भारतीय बाजार पर नकारात्मक प्रभाव डाला है, जिससे हर दिन गिरावट का सामना करना पड़ रहा है।
निवेशकों के लिए सलाह
विशेषज्ञों का सुझाव है कि इस गिरावट को देखते हुए अभी खरीदारी करना सही नहीं होगा। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे थोड़े समय के लिए रुके रहें, जब तक कि बाजार अपनी दिशा स्पष्ट नहीं कर लेता। खासकर, जब तक शेयर बाजार कम से कम दो दिनों तक अपने दिन के उच्च स्तर पर बंद नहीं होता, तब तक खरीदारी में जल्दबाजी करना उचित नहीं होगा।
निष्कर्ष
शेयर बाजार में हाल की गिरावट ने निवेशकों के बीच चिंता का माहौल बना दिया है। वैश्विक और घरेलू आर्थिक कारकों के चलते बाजार में अस्थिरता देखी जा रही है। ऐसे में, विशेषज्ञों का मानना है कि धैर्य से काम लेना और सही समय का इंतजार करना बेहतर विकल्प हो सकता है।