हिमाचल प्रदेश की मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार एक नई पहल की शुरुआत कर रही है, जिसके तहत राज्य के मंत्री और खुद मुख्यमंत्री दूरदराज के इलाकों में जाकर लोगों की समस्याएं सुनेंगे और उनका समाधान करेंगे। इस पहल का मकसद राज्य के पिछड़े और दूरस्थ क्षेत्रों के निवासियों की समस्याओं को सीधे जानना और उनका निवारण करना है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा है कि यह मुहिम सरकार के आत्मनिर्भरता अभियान का हिस्सा है, जिसमें ग्रामीण इलाकों का दौरा कर सरकार लोगों से सीधा संवाद करेगी।
इस मुहिम की शुरुआत मुख्यमंत्री 26 अक्टूबर को जिला शिमला के डोडरा क्वार इलाके से करेंगे। यह क्षेत्र हिमाचल प्रदेश के सबसे पिछड़े इलाकों में से एक माना जाता है, जहां बुनियादी सुविधाओं की कमी है। मुख्यमंत्री यहां के निवासियों के साथ बातचीत करेंगे, उनकी परेशानियों को सुनेंगे, और समस्याओं के समाधान के लिए ठोस कदम उठाएंगे। लोगों के साथ उनका सीधा संवाद इस मुहिम का प्रमुख उद्देश्य है, जिससे सरकार यह जान सके कि आम जनता किन कठिनाइयों का सामना कर रही है और उन्हें किस तरह राहत पहुंचाई जा सकती है।
मुख्यमंत्री का कहना है कि यह पहली बार है जब राज्य में ऐसी पहल हो रही है। इससे पहले, उन्होंने लाहौल स्पीति के काजा इलाके में जनता दरबार लगाया था, जहां लोगों की पेयजल, सड़क, और बिजली संबंधी समस्याओं का निवारण किया गया था। काजा में दो दिनों तक चले इस जनसंवाद कार्यक्रम में लोगों से मिली फीडबैक के आधार पर मुख्यमंत्री ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए थे। उसी तर्ज पर अब डोडरा क्वार के लोगों के लिए भी मुख्यमंत्री का यह दौरा महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
डोडरा क्वार इलाका शिमला जिले के सबसे दूरस्थ और पिछड़े इलाकों में से है, जहां बुनियादी सुविधाएं जैसे सड़क, बिजली, और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है। इस इलाके के लोगों को मुख्यमंत्री के इस दौरे से काफी उम्मीदें हैं। वे मानते हैं कि मुख्यमंत्री के सीधे हस्तक्षेप से उनकी समस्याएं जल्द ही हल हो सकेंगी। राज्य के ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में सरकार की इस नई पहल को एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है, जो न केवल समस्याओं के समाधान पर केंद्रित है, बल्कि लोगों की जरूरतों और समस्याओं को नजदीक से समझने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
मुख्यमंत्री सुक्खू की यह पहल हिमाचल प्रदेश में पहली बार हो रही है, और इसे एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। इस कदम से राज्य के अन्य दूरदराज इलाकों में भी लोगों की समस्याएं हल होने की उम्मीद जताई जा रही है। जनता दरबार के दौरान मुख्यमंत्री व्यक्तिगत रूप से लोगों से मिलेंगे, उनकी शिकायतें सुनेंगे, और उनका समाधान निकालने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश देंगे। यह मुहिम राज्य में सरकारी सेवाओं की प्रभावशीलता बढ़ाने और जनता के साथ सरकार का सीधा संवाद स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री का यह दौरा न केवल प्रशासनिक स्तर पर महत्वपूर्ण है, बल्कि लोगों के बीच यह संदेश भी पहुंचाता है कि सरकार उनकी समस्याओं को गंभीरता से ले रही है।