पंजाब ने पराली जलाने की समस्या पर नियंत्रण पाने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है, जैसा कि इस साल 23 अक्तूबर तक के आंकड़ों से स्पष्ट है। राज्य में पराली जलाने की घटनाओं में पिछले साल की तुलना में 16% की गिरावट दर्ज की गई है, जिसके तहत इस साल अब तक 1,638 स्थानों पर पराली जलाई गई है, जबकि पिछले साल यह संख्या 1,946 थी। यह गिरावट इस बात का संकेत है कि पंजाब सरकार और किसानों के संयुक्त प्रयासों के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।
पंजाब के कृषि और किसान कल्याण मंत्री स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने इस संबंध में जानकारी साझा करते हुए बताया कि 2020 की तुलना में 2024 में पराली जलाने की घटनाओं में काफी कमी आई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2020 में राज्य में पराली जलाने के 13,894 मामले सामने आए थे, जबकि इस साल यह संख्या घटकर केवल 1,638 रह गई है। दूसरी ओर, पड़ोसी राज्य हरियाणा में इन वर्षों में केवल 56% की गिरावट ही दर्ज की गई है, जो कि पंजाब की सफलता के मुकाबले कम है।
कृषि भूमि का बड़ा क्षेत्रफल
मंत्री खुड्डियां ने बताया कि पंजाब में धान की खेती के तहत 32 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र है, जो हरियाणा के 15 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल से दोगुना है। इस बड़े क्षेत्रफल के बावजूद, पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में गिरावट आना यह दर्शाता है कि सरकार और किसानों ने इस समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए हैं।
मशीनों का वितरण और जागरूकता
पंजाब सरकार ने इस साल अब तक किसानों को 13,616 फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) मशीनें उपलब्ध कराई हैं, जिससे 2018 से अब तक की कुल संख्या 1.43 लाख हो गई है। मंत्री ने बताया कि पराली जलाने की घटनाओं पर काबू पाने और किसानों में जागरूकता फैलाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में 8,000 से अधिक नोडल अधिकारियों को तैनात किया गया है। ये नोडल अधिकारी किसानों को पराली प्रबंधन के तरीकों और मशीनों के उपयोग के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
‘उन्नत किसान’ मोबाइल ऐप
मंत्री खुड्डियां ने ‘उन्नत किसान’ मोबाइल ऐप के बारे में भी जानकारी दी, जो छोटे और सीमांत किसानों को पराली प्रबंधन मशीनों की आसान पहुँच प्रदान करता है। इस ऐप के माध्यम से 1.30 लाख सीआरएम मशीनों को जोड़ा गया है, जिससे किसानों को इन उपकरणों तक पहुँच प्राप्त करना सरल हो गया है।
कार्य योजना और भविष्य की योजनाएँ
पंजाब सरकार ने इस साल पराली प्रबंधन के लिए 500 करोड़ रुपये की कार्य योजना बनाई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार इस समस्या से निपटने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। मंत्री खुड्डियां ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं में कमी आना पंजाब सरकार और किसान समुदाय के ठोस प्रयासों का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
स. खुड्डियां ने कहा कि हमारी पहलकदमियों, जिनमें सीआरएम मशीनों की व्यवस्था और नोडल अधिकारियों की नियुक्ति शामिल है, के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। ‘उन्नत किसान’ मोबाइल ऐप के माध्यम से किसानों को पराली प्रबंधन के साधनों तक आसान पहुंच प्रदान करके सरकार के प्रयासों में सहयोग मिल रहा है। यह सब पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में कमी लाने के लिए एक मजबूत रणनीति को दर्शाता है।
पंजाब की यह सफलता अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण स्थापित करती है, और यह उम्मीद है कि अन्य राज्य भी इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाएँगे।