इस्राइल के हालिया हवाई हमले के बाद ईरान और इस्राइल के बीच तनाव गहरा गया है। ईरान ने दावा किया है कि उनके हवाई सुरक्षा सिस्टम ने इस्राइल के हमले को नाकाम कर दिया, कई मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया गया और जो मिसाइलें गिरीं, उनसे बहुत कम नुकसान हुआ। ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी ने यह जानकारी दी। इस बीच, अमेरिका ने ईरान को चेतावनी दी है कि वह जवाबी हमले से बचें और दोनों देशों को सैन्य हमले बंद करने की सलाह दी है।
ईरान का दावा – इस्राइली हमले को नाकाम किया
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान की राजधानी तेहरान में धमाकों की छह आवाजें सुनी गईं, जबकि हवाई सुरक्षा सिस्टम ने तीन अलग-अलग जगहों पर हमलों को नाकाम किया। इस्राइल ने पहले बयान जारी कर कहा था कि उनके हवाई हमले का लक्ष्य ईरान के सैन्य ठिकाने थे, जिन पर सटीकता से हमला किया गया। इसके साथ ही, इस्राइली सेना ने सीरिया में भी ईरान समर्थित ठिकानों को निशाना बनाया।
इस्राइली सेना का संदेश
इस्राइली सेना के प्रवक्ता ने एक स्पष्ट संदेश देते हुए कहा, “हम इस्राइल को डराने या धमकाने की किसी भी कोशिश का कड़ा जवाब देंगे। हमने आज इसका उदाहरण पेश किया है और हम देश की सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार हैं।” इस्राइली सेना ने ईरान को भी किसी भी जवाबी कार्रवाई के परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है।
सऊदी अरब की आलोचना और अंतरराष्ट्रीय अपील
इस्राइल के हमले की सऊदी अरब ने आलोचना की है और इसे ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन बताया है। सऊदी अरब ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वे इस संघर्ष को रोकने के लिए कदम उठाएं और शांति के लिए एकजुट हों। इस्राइल ने इस हमले के बाद एहतियातन अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया, जबकि ईरान ने भी हमले के तुरंत बाद अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया था। हालांकि, कुछ समय बाद ईरान ने अपनी उड़ान सेवाओं को पुनः चालू कर दिया।
अमेरिका की चेतावनी और सलाह
अमेरिका ने इस्राइल के प्रति समर्थन जताते हुए ईरान को चेतावनी दी है कि वह जवाबी हमले से बचे। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि दोनों देशों के बीच प्रत्यक्ष सैन्य हमले बंद हो जाने चाहिए। एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी का कहना है कि इस्राइल ने ईरान पर हमला करने से पहले ही व्हाइट हाउस को इसकी जानकारी दे दी थी। अमेरिका ने ईरान को स्पष्ट संदेश दिया कि वह किसी भी सैन्य कदम से परहेज करे।
आने वाले दिनों में संघर्ष का बढ़ता खतरा
इस्राइल और ईरान के बीच लंबे समय से तनावपूर्ण संबंध रहे हैं, और यह ताजा संघर्ष इसे और गंभीर बना सकता है। सऊदी अरब और अमेरिका की चेतावनी के बाद, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि दोनों देश किस दिशा में कदम उठाते हैं।