उत्तर प्रदेश के मथुरा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की वार्षिक बैठक के दौरान, आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ बयान का समर्थन किया। उन्होंने इस बयान को हिंदू एकता और लोक कल्याण के लिए आवश्यक बताया और कहा कि इसे आचरण में लाना चाहिए।
हिंदू एकता और समाज की सुरक्षा
प्रेस कॉन्फ्रेंस में होसबाले ने कहा, “पिछले साल से इस बार आरएसएस की शाखाएं ज्यादा बढ़ी हैं। पूरे देश में संघ की 72,354 शाखाएं चल रही हैं। वर्तमान हालात में हमें एकता बनाए रखनी है।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कई स्थानों पर धर्मांतरण हो रहे हैं और गणेश पूजा एवं दुर्गा पूजा के दौरान हमले भी हुए हैं। इन मुद्दों पर उन्होंने जोर देते हुए कहा कि “हमें अपनी रक्षा करनी चाहिए और शांति बनाए रखनी चाहिए।”
ओटीटी और हिंदू समुदाय की सुरक्षा
होसबाले ने ओटीटी प्लेटफार्मों के लिए कानून और नियमों की आवश्यकता की बात भी की। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के लोगों के लिए भारत सरकार के उठाए गए कदमों की सराहना की और कहा, “दुनिया में कहीं भी किसी भी हिंदू को दिक्कत है, तो वो मदद के लिए भारत की तरफ ही देखता है।”
लव जिहाद पर जागरूकता
लव जिहाद के मुद्दे पर होसबाले ने समाज में बढ़ती समस्याओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “हमें अपनी बहन-बेटियों को लव जिहाद से बचाना होगा। केरल में 200 लड़कियों को लव जिहाद से बचाया गया है।” उनका यह बयान लव जिहाद के खिलाफ जागरूकता फैलाने का एक प्रयास था।
आरएसएस की महत्वपूर्ण बैठक
यह बैठक मथुरा स्थित गऊ ग्राम परखम के दीनदयाल उपाध्याय गौ विज्ञान एवं अनुसंधान केंद्र में आयोजित की गई। 25 और 26 अक्टूबर को बुलाई गई इस बैठक में संघ के सभी 46 प्रांतों के प्रांत एवं सह प्रांत संघचालक, कार्यवाह तथा प्रचारकों ने हिस्सा लिया। संघ प्रमुख मोहन भागवत इस बैठक के लिए 10 दिन के प्रवास पर मथुरा में हैं।
कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बीच एक अहम बैठक हुई थी, जो लगभग ढाई घंटे चली। इस बैठक का उद्देश्य संगठन की रणनीतियों पर चर्चा करना और हिंदू एकता को बढ़ावा देना था।
दत्तात्रेय होसबाले का यह बयान और आरएसएस की यह बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इससे हिंदू एकता और समाज की सुरक्षा की दिशा में एक नई शुरुआत का संकेत मिलता है। इसके साथ ही, आरएसएस की बढ़ती शाखाओं और संगठनों की गतिविधियों से यह स्पष्ट होता है कि संगठन अपने लक्ष्यों को लेकर गंभीर है और समाज में बदलाव लाने के लिए तत्पर है।