पंजाब फायर एंड इमरजेंसी सर्विस बिल 2024 का राज्य में अग्नि सुरक्षा को लेकर एक मजबूत कदम है। इस बिल पर गवर्नर की स्वीकृति के बाद राज्य सरकार के लिए अब सभी इमारतों में अग्नि सुरक्षा मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करना आसान हो गया है। इस बिल का मुख्य उद्देश्य राज्य में आग से सुरक्षा के अनुपालन को सुव्यवस्थित करना है, जिससे व्यापार करने की प्रक्रिया में भी सरलता आएगी। इस बिल की कई प्रमुख विशेषताएं इसे एक व्यापक सुरक्षा ढांचा बनाती हैं।
अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र की अवधि में विस्तार
इस बिल के तहत अब इमारतों के लिए अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र की वैधता अवधि को एक वर्ष से बढ़ाकर तीन वर्ष कर दिया गया है। इससे इमारतों के मालिकों और व्यवसायों को बार-बार प्रमाणपत्र के नवीनीकरण की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे प्रशासनिक कार्यों में आसानी होगी और साथ ही प्रमाणपत्र की वैधता में पारदर्शिता भी आएगी।
तृतीय पक्षों को मान्यता और निरीक्षण का प्रावधान
बिल एक रेगुलेटरी ढांचा तैयार करता है जिसमें तीसरे पक्षों को मान्यता दी जाएगी। इन तीसरे पक्षों के कार्यों की नियमित जांच की जाएगी और यदि वे सुरक्षा मानकों का पालन करने में असफल होते हैं, तो उन्हें दंड का सामना करना पड़ सकता है। यह ढांचा आग से सुरक्षा में संभावित जोखिमों को कम करने का प्रयास करता है और खराब प्रदर्शन करने वालों को दंडित करने की व्यवस्था भी प्रदान करता है।
अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र और अनुपालन की जिम्मेदारी
बिल के अनुसार, अब इमारतों के मालिकों और किरायेदारों के लिए अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र प्राप्त करना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, उन्हें समय-समय पर आग रोकथाम उपायों का अनुपालन करने के लिए रिटर्न भी जमा करना होगा। इससे इमारतों की सुरक्षा का स्तर नियमित रूप से जांचा जा सकेगा और किसी भी संभावित खतरे को पहले ही रोकने का प्रयास किया जाएगा।
राजस्व स्रोतों का विस्तार
राज्य में फायर प्रशासन को अब सभी इमारतों पर फायर टैक्स लगाने का अधिकार प्राप्त होगा। फायर टैक्स पर सेस भी लगाया जा सकेगा, जिससे राज्य का राजस्व बढ़ेगा। इसके अतिरिक्त, फायर प्रशासन द्वारा जनता को आग से रोकथाम और नियंत्रण संबंधी सेवाएं प्रदान करने के लिए उपयोगकर्ता शुल्क लिया जाएगा। इससे राज्य सरकार को वित्तीय समर्थन मिलेगा, जो कि अग्नि सुरक्षा उपायों में निवेश करने में सहायक साबित होगा।
राज्य स्तरीय अग्नि और आपातकालीन सेवा
बिल एक समर्पित राज्य स्तरीय अग्नि और आपातकालीन सेवा का निर्माण करता है। इस सेवा का नेतृत्व स्थानीय निकाय विभाग के डायरेक्टर करेंगे और उन्हें तकनीकी अधिकारियों की सहायता प्राप्त होगी। यह सेवा राज्य में आग और अन्य आपात स्थितियों का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने में मदद करेगी। इसका उद्देश्य राज्य में एक केंद्रीकृत आपातकालीन सेवा का निर्माण करना है जो जनता की सुरक्षा के लिए तत्पर रहेगी।
निरीक्षण और अनुपालन के लिए अधिक शक्तियां
बिल फायर अधिकारियों को निरीक्षण के लिए अधिक शक्तियां प्रदान करता है, जिससे वे इमारतों की नियमित जांच कर सकेंगे और संभावित आग के खतरों को दूर करने के लिए निर्देश दे सकेंगे। इस निरीक्षण व्यवस्था से राज्य में अग्नि सुरक्षा अनुपालन को और भी अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा।
जोखिम वर्गीकरण और लागत-प्रभावी उपाय
बिल में इमारतों को उनके जोखिम के अनुसार वर्गीकृत किया जाएगा – कम, मध्यम, या उच्च जोखिम। यह वर्गीकरण सरकार को अधिक जोखिम वाली इमारतों पर ध्यान केंद्रित करने में सहायता करेगा। इस प्रकार के वर्गीकरण के अनुसार, नियमों का पालन न करने पर दी जाने वाली सजा की गंभीरता भी तय होगी।
दंड और सजा का प्रावधान
बिल में लगातार गैर-अनुपालन के मामलों में कड़ी सजा का प्रावधान है। यह एक क्रमिक मॉडल का अनुसरण करता है जिसमें लगातार अपराध करने वालों को क्रमवार सजा दी जाएगी। इससे यह सुनिश्चित होता है कि जो लोग सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करते, उन्हें कठोर दंड दिया जाएगा, जिससे अनियमितता पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।
अन्य महत्वपूर्ण विशेषताएं
बिल में फायर प्रिवेंशन एंड लाइफ सेफ्टी फंड की स्थापना का प्रावधान भी है। इसके साथ ही एक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की योजना है, जिससे कि कर्मचारियों को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित किया जा सके। बिल में एक बीमा योजना का भी प्रावधान है, जिससे आग की वजह से होने वाले नुकसान की भरपाई की जा सकेगी। इसके अलावा, सार्वजनिक और निजी संपत्तियों पर फायर हाइड्रेंट और अन्य उपकरणों की स्थापना अनिवार्य की गई है, और इस नियम का उल्लंघन करने पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।
पंजाब फायर एंड इमरजेंसी सर्विस बिल 2024 राज्य में एक सकारात्मक कदम है जो अग्नि सुरक्षा मानकों के अनुपालन को बढ़ावा देगा। यह न केवल राज्य की अग्नि सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करता है, बल्कि इसे एक प्रभावी और व्यावहारिक बनाने की दिशा में एक कदम है।