हाल ही में ज्योतिष पीठ के 46वें शंकराचार्य, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा और उनकी पत्नी, अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा के आवास पर पहुंचकर उन्हें आशीर्वाद दिया। यह मुलाकात कई मायनों में खास रही क्योंकि शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, जो ज्योतिष पीठ के प्रमुख हैं, आमतौर पर स्वयं किसी के घर नहीं जाते हैं। उनकी इस यात्रा ने राजनीतिक और फिल्मी जगत के बीच अनोखे मेल-मिलाप का एक उदाहरण पेश किया।
परिवार ने की शंकराचार्य का सम्मानपूर्ण स्वागत
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के आगमन पर राघव चड्ढा और परिणीति चोपड़ा के परिवार ने परंपरागत तरीके से उनका स्वागत किया। राघव चड्ढा ने शंकराचार्य के पैर छुए और परिणीति ने अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर उनकी आरती उतारी। इस धार्मिक सम्मान में सभी परिवारजनों ने भाग लिया और शंकराचार्य के प्रति अपनी आस्था का प्रदर्शन किया।
इस मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आईं, जिन्हें देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह मुलाकात न केवल पारिवारिक, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी विशेष रही। राघव और परिणीति ने इस अवसर को एक आशीर्वाद के रूप में लिया, और शंकराचार्य ने उन्हें धार्मिक जीवन के महत्व और अनुशासन के बारे में बातें बताईं।
विशेष पूजा और आशीर्वाद
इस अवसर पर राघव चड्ढा और परिणीति चोपड़ा ने अपने घर पर एक विशेष पूजा का आयोजन किया। पूजा के दौरान उन्होंने शंकराचार्य से आशीर्वाद मांगा और अपने परिवार की सुख-शांति एवं समृद्धि के लिए प्रार्थना की। पूजा के पश्चात शंकराचार्य और अन्य संतों ने राघव और परिणीति को अच्छे जीवन और धार्मिक मार्ग पर चलते रहने का संदेश दिया। यह पूजा उनके लिए एक विशेष क्षण था क्योंकि इससे उनके जीवन में आध्यात्मिकता का प्रवेश हुआ।
शादी में परिवार और मित्रों का साथ
राघव चड्ढा और परिणीति चोपड़ा की शादी पिछले साल राजस्थान के उदयपुर में लीला पैलेस होटल में संपन्न हुई थी। इस भव्य समारोह में परिवार के साथ-साथ उनके करीबी मित्र, फिल्म और राजनीति जगत के नामचीन हस्तियां शामिल हुई थीं। शादी के बाद से ही राघव और परिणीति धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में हिस्सा लेते दिखे हैं, जो उनकी जीवनशैली का एक प्रमुख हिस्सा बन गया है। शंकराचार्य के घर आने से यह स्पष्ट होता है कि उनका जुड़ाव न केवल धर्म और आध्यात्म से है, बल्कि परंपराओं और संस्कारों से भी है।
शंकराचार्य का उद्देश्य और संदेश
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती अपने धर्म प्रचार और आध्यात्मिक संदेशों के लिए जाने जाते हैं। इस यात्रा के दौरान उन्होंने राघव और परिणीति से कई मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें धार्मिक और पारिवारिक मूल्यों का महत्व प्रमुख था। शंकराचार्य का कहना था कि आधुनिक जीवनशैली में धार्मिक आस्था और पारिवारिक मूल्यों का स्थान बनाए रखना आवश्यक है। उनकी इस यात्रा ने एक सकारात्मक संदेश दिया है कि हमारे परंपरागत धार्मिक गुरु और विचारक आज भी आधुनिक समाज और युवा पीढ़ी के जीवन में एक प्रमुख स्थान रखते हैं।
आध्यात्मिकता और धार्मिकता को बढ़ावा
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के इस दौरे का उद्देश्य केवल राघव और परिणीति को आशीर्वाद देना ही नहीं, बल्कि समाज में धार्मिकता और आध्यात्मिकता का प्रचार-प्रसार करना भी था। इस मुलाकात ने यह संदेश दिया कि चाहे हम कितनी भी आधुनिकता की ओर बढ़ें, धार्मिकता और आध्यात्मिकता हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। राघव और परिणीति ने इस मुलाकात को अपने जीवन के एक विशेष क्षण के रूप में देखा और उन्होंने शंकराचार्य से धार्मिक मार्गदर्शन प्राप्त करने का यह अवसर पूरे सम्मान के साथ अपनाया।
पारिवारिक और आध्यात्मिक संबंधों की अहमियत
राघव और परिणीति के जीवन में शंकराचार्य का आगमन न केवल उनके पारिवारिक संबंधों को मजबूत करता है, बल्कि उन्हें आध्यात्मिक मार्गदर्शन भी प्रदान करता है। यह मुलाकात हमें यह संदेश देती है कि परिवार और समाज में धर्म और संस्कृति का स्थान अहम है। यह मुलाकात न केवल उनकी धार्मिक मान्यताओं को बल देती है, बल्कि उनके परिवारिक संबंधों को भी और गहरा बनाती है।