अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में भी देश के अधिकांश हिस्सों में ठंड का असर नहीं दिख रहा है, जबकि इस वक्त तक सर्दियों की शुरुआत हो जानी चाहिए थी। देश के प्रमुख शहरों जैसे दिल्ली, लखनऊ, चंडीगढ़, और अमृतसर में औसत न्यूनतम तापमान सामान्य से 2-5 डिग्री तक अधिक है। दिल्ली में 20.1°C, लखनऊ में 22.3°C, और सिरसा में 20.8°C दर्ज तापमान से यह साफ है कि लोग अब भी गर्मी महसूस कर रहे हैं।
मौसम विभाग ने अप्रैल में अनुमान लगाया था कि जून से ला-नीना बनने की संभावना 85% है, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। ला-नीना की परिस्थितियों से आमतौर पर भारत में अच्छी ठंड और मानसून के बाद ठंडी हवाओं का असर बढ़ता है, परंतु मौजूदा स्थिति इसके विपरीत है। ला-नीना बनने में देरी से सर्दी की शुरुआत पर असर पड़ा है, और मौसम विज्ञानियों के अनुसार नवंबर के अंत में इसके बनने की संभावना अब मात्र 60% है।
ला-नीना और अल-नीनो का प्रभाव:
ला-नीना के दौरान प्रशांत महासागर के तापमान में बदलाव होता है, जो ठंडी हवाएं लाता है और भारत में सर्दी को बढ़ाता है। इसके विपरीत, अल-नीनो से तापमान सामान्य से ऊपर रहता है और सर्दियों में कमी आती है। एनओएए (अमेरिकी राष्ट्रीय महासागर एवं वायुमंडलीय प्रशासन), एबीएम (ऑस्ट्रेलियन ब्यूरो ऑफ मेट्रोलॉजी), और भारतीय मौसम विभाग (IMD) जैसी प्रमुख एजेंसियों ने इस साल ला-नीना का पूर्वानुमान दिया था, लेकिन यह पूरी तरह सटीक नहीं हो सका। अब मौसम एजेंसियां इस संभावना पर पुनर्विचार कर रही हैं।
इस साल कड़ाके की ठंड की संभावना कम:
केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव एम. राजीवन ने कहा कि मौजूदा पूर्वानुमानों के आधार पर, इस बार ला-नीना कमजोर रहेगा और शायद सर्दियों पर इसका अधिक प्रभाव नहीं दिखेगा। यूरोपियन सेंटर फॉर मीडियम-रेंज वेदर फोरकास्ट के अनुसार, उत्तर भारत में तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है और सर्दियों के दौरान कम वर्षा होने का भी अनुमान है। इन सब तथ्यों को देखते हुए यह संभावना जताई जा रही है कि इस साल कड़ाके की ठंड नहीं पड़ेगी।
उत्तर भारत में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक:
उत्तर भारत के कई शहरों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक दर्ज किया जा रहा है, जो सर्दियों की कमी का संकेत है। दिल्ली में रविवार को न्यूनतम तापमान 20.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 3 डिग्री अधिक है। इसी तरह, लखनऊ का तापमान सामान्य से 5.1 डिग्री अधिक रहा। अन्य शहरों जैसे सिरसा, रोहतक, और चंडीगढ़ में भी तापमान सामान्य से ऊपर है। इस स्थिति ने लोगों को गर्मियों का अनुभव करा रहा है, जबकि इस समय तापमान में गिरावट होनी चाहिए थी।
अभी आगे का मौसम कैसा रहेगा?
अक्टूबर के अंत तक ठंड न आने और ला-नीना का असर न होने से इस बार ज्यादा सर्दी की संभावना कम हो गई है। IMD का मानना है कि सर्दी का असर हल्का होगा, और ठंडक देर से आएगी। नवंबर के अंत में यदि ला-नीना स्थितियां विकसित हो जाती हैं, तो सर्दियों में हल्की गिरावट आ सकती है।