अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में केवल एक हफ्ता शेष है, और दोनों प्रमुख प्रत्याशी – डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस – स्विंग स्टेट्स पर जीत हासिल करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। चुनाव पांच नवंबर को होने हैं, और नतीजा 24 करोड़ वोटर्स के निर्णय पर निर्भर करेगा। इस मुकाबले में स्विंग स्टेट्स का खास महत्व है, जो राष्ट्रपति पद का भविष्य तय कर सकते हैं।
क्या हैं स्विंग स्टेट्स?
अमेरिका के सात प्रमुख स्विंग स्टेट्स पेंसिल्वेनिया, मिशिगन, विस्कॉन्सिन, जॉर्जिया, नेवादा, एरिजोना और नॉर्थ कैरोलिना हैं। इन राज्यों में इलेक्टर्स की बड़ी संख्या होती है, और यहां के मतदाता अक्सर चुनाव में अपना रुझान बदलते रहते हैं। इसलिए ये राज्य राजनीतिक रूप से अहम होते हैं, क्योंकि इनका समर्थन जीतना मुश्किल होता है। खासतौर पर पेंसिल्वेनिया, जिसमें 19 इलेक्टोरल वोट हैं, सबसे बड़ा स्विंग स्टेट है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, स्विंग स्टेट्स में दोनों प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर है। इन राज्यों में बड़े पैमाने पर प्रचार किया गया है, जिसमें ट्रंप और हैरिस के समर्थकों ने सिर्फ पेंसिल्वेनिया में टीवी और रेडियो पर 13.8 करोड़ डॉलर खर्च किए हैं। स्विंग स्टेट्स के इस चुनावी महत्व के कारण, उम्मीदवार इन्हीं राज्यों पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
इलेक्टोरल कॉलेज का महत्व
अमेरिकी चुनाव में मतदाता सीधे राष्ट्रपति नहीं चुनते, बल्कि इलेक्टोरल कॉलेज के माध्यम से ऐसा होता है। इलेक्टोरल कॉलेज में कुल 538 इलेक्टर्स होते हैं, जिसमें से किसी भी प्रत्याशी को राष्ट्रपति बनने के लिए 270 वोट की आवश्यकता होती है। हर राज्य में इलेक्टर्स की संख्या उस राज्य के अमेरिकी सीनेट और प्रतिनिधि सभा में प्रतिनिधियों की संख्या पर निर्भर करती है।
स्विंग स्टेट्स के पास कुल इलेक्टोरल वोट इस प्रकार हैं:
- पेंसिल्वेनिया: 19
- जॉर्जिया: 16
- नॉर्थ कैरोलिना: 16
- मिशिगन: 15
- एरिजोना: 11
- विस्कॉन्सिन: 10
- नेवादा: 6
चुनाव में आम जनता अपने राज्य के इलेक्टर्स का चयन करती है, जो बाद में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में वोट डालते हैं। कुल 538 सीटों में से 270 या उससे अधिक सीटें प्राप्त करने वाला उम्मीदवार विजयी होता है। हालांकि, ऐसा संभव है कि किसी उम्मीदवार को राष्ट्रीय स्तर पर सबसे अधिक वोट मिले, लेकिन इलेक्टोरल कॉलेज में बहुमत न मिलने के कारण वह राष्ट्रपति न बन सके।
स्विंग स्टेट्स में ताजा स्थिति
ताजा सर्वे के मुताबिक, इन स्विंग स्टेट्स में ट्रंप और हैरिस के बीच कड़ा मुकाबला है। पेंसिल्वेनिया, जॉर्जिया और एरिजोना में ट्रंप को मामूली बढ़त है, जबकि मिशिगन, विस्कॉन्सिन और नेवादा में हैरिस को बढ़त मिलती दिख रही है। इन राज्यों में कड़े मुकाबले का सीधा असर चुनावी नतीजों पर पड़ेगा।
कैसे तय होता है अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव?
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया अप्रत्यक्ष होती है। आम जनता इलेक्टर्स के लिए मतदान करती है, जो बाद में राष्ट्रपति के लिए वोट डालते हैं। इलेक्टर्स के मतदान के बाद, जिसके पक्ष में इलेक्टोरल वोट्स का बहुमत होता है, वही राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुने जाते हैं। अगर किसी उम्मीदवार को इलेक्टोरल कॉलेज में बहुमत प्राप्त नहीं होता, तो चुनाव अमेरिकी प्रतिनिधि सभा द्वारा तय होता है।
नीला और लाल रंग का प्रतीक
अमेरिकी राजनीति में “नीला” रंग डेमोक्रेट्स का प्रतीक है, जबकि “लाल” रंग रिपब्लिकन्स का। चुनावों के दौरान इन रंगों का विशेष महत्व है, जिससे प्रत्येक राज्य के रुझान का अनुमान लगाया जाता है। स्विंग स्टेट्स में अक्सर इन दोनों रंगों का बदलाव देखने को मिलता है, जो कभी नीले तो कभी लाल रंग के रूप में सामने आता है।
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में स्विंग स्टेट्स का ये निर्णायक महत्व इसी कारण है कि यहां के इलेक्टोरल वोट्स का रुझान बदल सकता है। इस चुनावी दौर में, 270 इलेक्टोरल वोट हासिल करना उम्मीदवारों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।