प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को गुजरात के वडोदरा में टाटा समूह के नए विमान विनिर्माण प्लांट का उद्घाटन किया। इस समारोह में स्पेन के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज भी उपस्थित थे। उद्घाटन के बाद, पीएम मोदी ने उद्योगपति रतन टाटा को याद करते हुए कहा कि देश ने एक महान सपूत खो दिया है। टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने भी इस अवसर पर रतन टाटा की दूरदर्शिता की सराहना की, जिसके कारण आज इस विमान निर्माण प्लांट की शुरुआत हो रही है।
रतन टाटा को किया याद
अपने संबोधन में, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हाल ही में हमने देश के महान सपूत रतन टाटा जी को खो दिया। अगर आज वह हमारे बीच होते, तो उन्हें खुशी होती। लेकिन जहां भी उनकी आत्मा होगी, वह इस क्षण से खुश होगी। यह सी-295 विमान फैक्ट्री नए भारत की नई कार्य संस्कृति को दर्शाती है। जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब वडोदरा में ट्रेन के कोच बनाने के लिए फैक्ट्री लगाने का फैसला लिया गया था।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उस फैक्ट्री से बने मेट्रो कोच अब दूसरे देशों को निर्यात किए जा रहे हैं, और उन्हें विश्वास है कि भविष्य में इस नई फैक्ट्री में बने विमान भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी जगह बनाएंगे।
रक्षा विनिर्माण का नया युग
प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में भारत की नई संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “आज भारत में रक्षा विनिर्माण इकोसिस्टम नई ऊंचाइयों को छू रहा है। अगर हमने 10 साल पहले ठोस कदम नहीं उठाए होते, तो आज इस स्तर तक पहुंचना असंभव होता। उस समय कोई सोच भी नहीं सकता था कि भारत में इतने बड़े पैमाने पर रक्षा विनिर्माण हो सकता है। लेकिन हमने नए रास्ते पर चलने का फैसला किया और अपने लिए नया लक्ष्य निर्धारित किया।”
उन्होंने यह भी कहा कि भारत में उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में दो बड़े रक्षा गलियारे बनाए जा रहे हैं, जिससे देश की रक्षा क्षमता को और बढ़ाया जा सकेगा। यह पहल न केवल रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय उद्योग को भी मजबूती प्रदान करेगी।
कार्यक्रम के दौरान, टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने रतन टाटा की याद करते हुए कहा, “इस मौके पर अगर मैं रतन टाटा का जिक्र नहीं करूंगा, तो इसका मतलब होगा कि मैं सही तरीके से जिम्मेदारी नहीं निभा पाया। करीब एक दशक पहले रतन टाटा ने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी।” उन्होंने बताया कि साल 2012 में रतन टाटा ने एयरबस के साथ साझेदारी को मजबूत करने का ढांचा तैयार किया था, जिसके चलते यह प्लांट आज अस्तित्व में आया है। चंद्रशेखरन ने कहा, “यह न सिर्फ टाटा समूह बल्कि भारत के लिए भी ऐतिहासिक पल है।”
भविष्य की दिशा
पीएम मोदी ने इस मौके पर यह भी स्पष्ट किया कि टाटा का यह नया विमान विनिर्माण प्लांट न केवल देश के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा, बल्कि यह भारत को एक मजबूत रक्षा निर्माण देश के रूप में स्थापित करने में भी सहायक होगा। रतन टाटा की दृष्टि और उनके द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए, पीएम मोदी ने सभी को प्रेरित किया कि वे देश की उन्नति में योगदान दें।
यह उद्घाटन एक नई शुरुआत का प्रतीक है, जो भारत को विमान निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर ले जाएगा और रक्षा क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूने की दिशा में एक कदम और बढ़ाएगा।