जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में भारतीय सेना ने तीन आतंकवादियों को मार गिराया। यह मुठभेड़ सोमवार को तब शुरू हुई जब आतंकवादियों ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास सेना के काफिले में शामिल एक एंबुलेंस पर गोलीबारी की। सोमवार को शुरू हुए इस एनकाउंटर में एक आतंकी मारा गया, जबकि मंगलवार सुबह ऑपरेशन फिर शुरू हुआ और सेना ने दो और आतंकियों को ढेर कर दिया। ऑपरेशन के बाद सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि इस मिशन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और नई तकनीकों का सहारा लिया गया।
AI का हुआ सफल इस्तेमाल
प्रेस कांफ्रेंस में मेजर जनरल समीर श्रीवास्तव ने बताया कि इस ऑपरेशन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मानव रहित वाहनों का इस्तेमाल हुआ, जिससे जवानों को जल्द सफलता मिली। श्रीवास्तव ने यह भी बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान एक आर्मी डॉग ने भी अपनी जान गंवाई, जो तलाशी अभियान में आगे बढ़ रहा था। इस बलिदान से कई लोगों की जान बचाई जा सकी।
कठिन इलाके में BMP का इस्तेमाल
मेजर जनरल श्रीवास्तव ने स्पष्ट किया कि इस ऑपरेशन के दौरान कठिन इलाके में BMP वाहनों का इस्तेमाल किया गया। घने जंगल और 30 डिग्री की ढलान के कारण BMP को उतारना पड़ा ताकि आतंकियों का मुकाबला बेहतर तरीके से किया जा सके। उन्होंने बताया कि गांव के लोगों से आतंकवादियों के बारे में मिली सही जानकारी और सेना की त्वरित प्रतिक्रिया से यह सफलता हासिल हुई।
बड़े इरादों से आए थे आतंकी
प्रेस कांफ्रेंस में श्रीवास्तव ने कहा कि आतंकवादी किसी बड़े इरादे के साथ आए थे। सेना के काफिले पर हमला कर उन्होंने अपने इरादों का संकेत दिया, लेकिन हमारे जवानों की सूझबूझ और तत्परता के चलते उनके नापाक मंसूबे नाकाम कर दिए गए। आतंकियों के पास अत्याधुनिक हथियार थे, जिससे यह अंदेशा था कि वे किसी बड़े मकसद से यहां आए थे।
एंबुलेंस पर हुआ था पहला हमला
यह मुठभेड़ तब शुरू हुई जब आतंकवादियों ने सेना के काफिले की एंबुलेंस पर फायरिंग की। सेना ने तुरंत जवाबी कार्रवाई करते हुए सोमवार शाम एक आतंकी को मार गिराया। इसके बाद रात में ऑपरेशन स्थगित रहा और मंगलवार सुबह फिर से अभियान शुरू हुआ। करीब दो घंटे की मुठभेड़ के बाद दो और आतंकियों को जोगवान गांव के पास मार गिराया गया।