रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में नॉर्थ कोरिया का दखल बढ़ता जा रहा है। हाल ही में साउथ कोरिया के रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून ने जानकारी दी कि नॉर्थ कोरिया ने रूस को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में सहायता के लिए मिसाइलें भेजी हैं। इसके अलावा, नॉर्थ कोरिया के हजारों सैनिक भी रूस के कुर्स्क क्षेत्र में तैनात हैं और रूस उनकी युद्ध के लिए तैयारी कर रहा है।
अमेरिका का दावा: रूस में नॉर्थ कोरिया के 10,000 सैनिक मौजूद
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने हाल ही में कहा कि रूस में नॉर्थ कोरिया के 10,000 सैनिक तैनात हैं, जिनमें से 8,000 सैनिक कुर्स्क क्षेत्र में हैं। यह इलाका यूक्रेन की सीमा के पास स्थित है, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि इन सैनिकों का इस्तेमाल यूक्रेन के खिलाफ किया जा सकता है।
नॉर्थ कोरिया के सैनिकों को दी जा रही है युद्ध की ट्रेनिंग
ब्लिंकन के अनुसार, रूस में नॉर्थ कोरिया के सैनिकों को तोपखाने, ड्रोन संचालन और इन्फेंट्री ऑपरेशन्स की ट्रेनिंग दी जा रही है। यह तैयारी दर्शाती है कि रूस नॉर्थ कोरियाई सैनिकों को फ्रंट लाइन पर भेजने की योजना बना रहा है। यह घटना रूस के इतिहास में भी अनोखी है, क्योंकि पिछले 100 वर्षों में पहली बार ऐसा हुआ है जब रूस ने विदेशी सैनिकों को अपनी धरती पर आमंत्रित किया है।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका ने दी कड़ी चेतावनी
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के उप राजदूत रॉबर्ट वुड ने नॉर्थ कोरिया को चेतावनी दी है कि अगर उसके सैनिक रूस के समर्थन में यूक्रेन की जमीन पर कदम रखते हैं, तो उन्हें इसका भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा, “अगर नॉर्थ कोरिया के सैनिक यूक्रेन में कदम रखते हैं, तो वे जीवित लौटने की उम्मीद न करें। यह किम जोंग उन के लिए एक खतरनाक निर्णय हो सकता है, इसलिए उन्हें इस कदम को उठाने से पहले दो बार सोचना चाहिए।”
रूस को मिल रही बाहरी मदद से बढ़ा यूक्रेन संकट
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे इस संघर्ष में नॉर्थ कोरिया जैसे देशों का शामिल होना, वैश्विक स्तर पर गंभीर चिंता का विषय बन चुका है। रूस को पहले ही ईरान से ड्रोन और विभिन्न सैन्य उपकरण मिल रहे थे, और अब नॉर्थ कोरिया के सैनिक और मिसाइलें मिलने से यूक्रेन पर दबाव और बढ़ने की संभावना है।
नॉर्थ कोरिया की सैन्य भागीदारी का संभावित कारण
विशेषज्ञों का मानना है कि रूस के साथ नॉर्थ कोरिया का यह सैन्य सहयोग उसके अंतरराष्ट्रीय एजेंडे और रूस से मिल रहे समर्थन के कारण हो सकता है। नॉर्थ कोरिया संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का सामना कर रहा है और रूस के साथ मिलकर वह अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के खिलाफ एकता दिखाना चाहता है।
अमेरिका और पश्चिमी देशों की चिंता
अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश इस बढ़ती भागीदारी को लेकर चिंतित हैं। नॉर्थ कोरिया की यह भागीदारी न केवल यूक्रेन के लिए बल्कि पूरे यूरोपीय क्षेत्र के लिए भी चिंता का कारण बन रही है। अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि अगर नॉर्थ कोरियाई सैनिक यूक्रेन की लड़ाई में सक्रिय रूप से शामिल होते हैं, तो यह युद्ध और भी अधिक लंबा खिंच सकता है।
क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा
यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में बाहरी देशों का सहयोग न केवल संघर्ष को बढ़ावा देगा, बल्कि पूरे क्षेत्रीय स्थिरता को भी खतरे में डाल सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि रूस और नॉर्थ कोरिया के बीच इस सहयोग का असर एशियाई क्षेत्र में भी महसूस किया जा सकता है, जिससे अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की चिंताएं बढ़ गई हैं।
क्या होगा आगे?
रूस और नॉर्थ कोरिया के इस गठजोड़ के बीच यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थान इस पर क्या कदम उठाते हैं। अमेरिका ने पहले ही कड़ी चेतावनी दी है, लेकिन रूस और नॉर्थ कोरिया का मिलकर काम करना अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एक नया मोड़ ला सकता है।