स्पेन में पिछले दिनों आई भीषण बाढ़ ने विनाश का मंजर खड़ा कर दिया है, जहां 158 लोगों की जान जा चुकी है, जिसमें 155 मौतें केवल पूर्वी वेलेंसिया क्षेत्र में हुई हैं। बृहस्पतिवार (31 अक्टूबर, 2024) को बचाव दल कारों और पानी से भरे भवनों में शवों की तलाश में जुटे रहे, जबकि निवासी अपने बर्बाद हुए घरों से जो कुछ भी बचा था उसे बाहर निकालने की कोशिश कर रहे थे। मंगलवार देर रात और बुधवार सुबह इस भीषण आपदा ने स्पेन को उसकी सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा के रूप में हिलाकर रख दिया है। पानी की दीवारों के चलते हुए इस हादसे ने सुनामी जैसी स्थिति उत्पन्न कर दी, जिसमें बचे हुए लोग अपने प्रियजनों के गम में अपने जीवन को फिर से संवारने का प्रयास कर रहे हैं।
विनाशकारी बाढ़ से भारी तबाही
स्पेन के परिवहन मंत्री ऑस्कर पुंटे ने गुरुवार को पुष्टि की कि कई वाहनों में मृत लोग मिले हैं। बुधवार रात तक यह संख्या 95 थी, जो अब बढ़कर 158 हो गई है। बाढ़ के कारण सड़कों पर खड़ी कारें एक-दूसरे पर गिर गईं, गिरे हुए पेड़, बिजली के खंभे और घरेलू सामान सड़कों पर मलबे के रूप में पड़े रहे। स्पेन के इस तबाही वाले दृश्य में वेलेंसिया के दर्जनों इलाकों में मिट्टी की मोटी परत में सड़कें ढकी हुई हैं। सैकड़ों वाहन बहकर एक-दूसरे के ऊपर गिर गए और सड़कें मलबे से भर गईं, जिन्हें पहचानना मुश्किल हो गया है।
बाढ़ से मची तबाही में लोगों ने दी सहायता
लुइस सांचेज नामक एक व्यक्ति, जो पेशे से वेल्डर हैं, ने बताया कि कैसे उन्होंने वेलेंसिया के दक्षिण में बाढ़ से घिरे V-31 राजमार्ग पर कुछ लोगों को बचाया। उन्होंने कहा, “मैंने शवों को बहते देखा। मैंने आवाज लगाई लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। फायरफाइटर सबसे पहले बुजुर्गों को बचाने में लगे थे। मैं वहीं का निवासी हूं, इसलिए मैंने भी मदद की और लोगों को बचाने की कोशिश की। लोग हर जगह रो रहे थे, वे फंसे हुए थे।”
क्षेत्रीय सरकार के लिए भी बनी चुनौती
क्षेत्रीय सरकार के लिए भी यह घटना अचंभित करने वाली रही। स्पेन के राष्ट्रीय मौसम विभाग के अनुसार, चिवा नामक वेलेंसियन कस्बे में मात्र आठ घंटे में जितनी बारिश हुई, उतनी पिछले 20 महीनों में नहीं हुई थी। स्पेन लगभग दो साल से सूखे का सामना कर रहा था, जिससे जमीन इतनी कठोर हो गई थी कि वह बारिश को अवशोषित नहीं कर सकी और इसके परिणामस्वरूप अचानक बाढ़ आ गई।
बुधवार रात को क्षेत्रीय अधिकारियों ने बताया कि हेलीकॉप्टरों ने 70 लोगों को छतों और कारों से बचाया, लेकिन जमीन पर बचाव दल अभी भी राहत कार्य में जुटे हैं। संयुक्त राष्ट्र के विश्व मौसम विभाग के अनुसार, इस बार की विनाशकारी बाढ़ की संभावना जलवायु परिवर्तन के कारण दोगुनी हो गई थी। विश्व मौसम संबंधी संस्था द्वारा गुरुवार को जारी एक विश्लेषण में बताया गया कि इंसानों द्वारा जलवायु में आए बदलाव के कारण ऐसी बाढ़ की घटनाओं की संभावना बढ़ गई है।
जलवायु परिवर्तन का असर
वैज्ञानिकों ने इस घटना को जलवायु परिवर्तन का परिणाम माना है। विश्व मौसम संगठन के अनुसार, स्पेन में गर्मी और सूखे के चलते जमीन इतनी कठोर हो गई थी कि जब भारी वर्षा हुई, तो वह मिट्टी में समा नहीं पाई और फ्लैश फ्लडिंग हो गई। वेलेंसिया की बाढ़ ने सरकार को भी झकझोर कर रख दिया है और स्थानीय लोगों के जीवन में गहरा असर छोड़ा है।
स्थिति का आंकलन और आगे की चुनौती
इस बाढ़ ने स्पेन में राहत और बचाव कार्यों की प्रभावशीलता पर सवाल उठाए हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस तरह की अप्रत्याशित बाढ़ से निपटने के लिए सरकार को बेहतर योजनाएं तैयार करनी होंगी। स्पेन के इतिहास में यह आपदा सबसे बड़ी प्राकृतिक घटना के रूप में उभरी है। अभी भी कई लोग लापता हैं और बचे हुए लोगों में डर का माहौल है।
स्पेन की यह विनाशकारी बाढ़ इस बात का संकेत है कि जलवायु परिवर्तन के कारण भविष्य में प्राकृतिक आपदाओं का खतरा और बढ़ सकता है। ऐसे में दुनिया को जलवायु परिवर्तन के खतरों का सामना करने के लिए मिलकर ठोस कदम उठाने होंगे।