रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में एक और नई मोड़ तब आया जब रूस में तैनात 40 उत्तर कोरियाई सैनिकों की मौत की खबर सामने आई। द सन की रिपोर्ट के अनुसार, इन उत्तर कोरियाई सैनिकों को कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेनी सेना के खिलाफ रूसी सैनिकों के साथ तैनात किया गया था। लेकिन यूक्रेनी सेना ने इन सैनिकों पर हमला कर 40 सैनिकों को मार गिराया।
बिना तैयारी भेजे गए उत्तर कोरियाई सैनिक
रिपोर्ट के मुताबिक, एक घायल उत्तर कोरियाई सैनिक ने बताया कि उन्हें बिना पुख्ता जानकारी और पर्याप्त हथियारों के यूक्रेनी सेना से लड़ने के लिए भेजा गया था। इस स्थिति में उनके लिए युद्ध करना मुश्किल साबित हो रहा है। सैनिकों की इन कमियों के चलते यूक्रेनी सेना ने उन्हें आसानी से निशाना बना लिया। यूक्रेन के कुछ वरिष्ठ कमांडरों ने उत्तर कोरियाई सैनिकों की सैन्य क्षमता पर सवाल उठाते हुए कहा कि इनसे लड़ाई में यूक्रेनी सेना को ज्यादा चुनौती नहीं मिलने वाली है।
उत्तर कोरियाई सैनिकों की भगदड़ और रूसी सेना द्वारा बंधक बनाना
द सन की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कुछ दिन पहले 18 उत्तर कोरियाई सैनिक अपने निर्धारित तैनाती स्थल से पहले ही भाग निकले। ये सैनिक 40 मील दूर रूसी सेना द्वारा पकड़े गए और इन्हें कुर्स्क के जंगलों में कुछ दिनों तक बंधक बना कर रखा गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन सैनिकों को बिना भोजन और जरूरी वस्त्रों के जंगल में छोड़ दिया गया, जिससे उनकी स्थिति और भी खराब हो गई है।
यूक्रेनी सेना ने दिया आत्मसमर्पण का प्रस्ताव
यूक्रेनी सेना ने उत्तर कोरियाई सैनिकों को चेतावनी दी है कि वे अपने प्राणों की रक्षा के लिए आत्मसमर्पण कर दें। यूक्रेन की सेना ने उत्तर कोरियाई सैनिकों के लिए बनाए गए कैंप का एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें तैनात सैनिकों ने आत्मसमर्पण करने का संकेत दिया है। यूक्रेनी सेना की इस चेतावनी का उद्देश्य उत्तर कोरियाई सैनिकों को युद्ध में शामिल होने से हतोत्साहित करना है।
अमेरिकी विदेश मंत्री की प्रतिक्रिया
इस घटना पर अमेरिकी विदेश मंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि रूस में लगभग 10 हजार उत्तर कोरियाई सैनिक मौजूद हैं, जिनमें से 8 हजार की तैनाती कुर्स्क क्षेत्र में हुई है। हालांकि अभी तक यह नहीं देखा गया है कि ये सैनिक वास्तव में यूक्रेनी सेना के खिलाफ लड़ाई में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। विदेश मंत्री ने बताया कि आने वाले समय में इन सैनिकों की युद्ध में भूमिका देखने को मिल सकती है, लेकिन फिलहाल उन्हें बड़ी भूमिका निभाते नहीं देखा गया है।
यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की का बयान
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने द सन को दिए गए एक इंटरव्यू में इस स्थिति पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पश्चिमी देशों की प्रतिक्रियाओं को देख रहे हैं और इसी के आधार पर वे अपनी सैन्य रणनीति तय कर रहे हैं। पुतिन नाटो और दक्षिण कोरिया की प्रतिक्रिया को भी देख रहे हैं और संभव है कि इस स्थिति में वे अपनी सेना का विस्तार करें।” जेलेंस्की का यह बयान दर्शाता है कि रूस की यह नीति अधिक से अधिक सैनिकों को युद्ध में शामिल करने की हो सकती है, चाहे वे किसी भी देश के हों।
रूस और उत्तर कोरिया का यह सैन्य गठबंधन
उत्तर कोरियाई सैनिकों की रूस में तैनाती को लेकर विश्व स्तर पर कई सवाल उठाए जा रहे हैं। यह गठबंधन उन सभी अंतर्राष्ट्रीय नियमों और समझौतों के खिलाफ है जो तीसरे देशों के सैनिकों को युद्ध में इस्तेमाल करने के लिए बनाए गए हैं। रूस और उत्तर कोरिया का यह सैन्य गठबंधन यूक्रेन की सेना के लिए एक अलग चुनौती खड़ी कर सकता है, लेकिन यूक्रेनी सेना इस स्थिति का लाभ उठाने के प्रयास में है, ताकि उत्तर कोरियाई सैनिकों को आत्मसमर्पण के लिए राजी किया जा सके।
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध में उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती के चलते एक नई और अप्रत्याशित चुनौती सामने आई है। उत्तर कोरियाई सैनिकों की रूस में तैनाती से यह युद्ध और भी जटिल होता जा रहा है। अमेरिकी और यूक्रेनी अधिकारियों ने इसे लेकर चिंता व्यक्त की है, वहीं रूस ने इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
यूक्रेन के कुशल रणनीति के माध्यम से उत्तर कोरियाई सैनिकों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करने के प्रयास से यह स्पष्ट है कि यूक्रेन इस स्थिति का लाभ उठाना चाहता है। अब यह देखना बाकी है कि रूस इस मामले में अपने उत्तर कोरियाई साझेदारों के साथ किस प्रकार की रणनीति अपनाता है और आने वाले समय में यह स्थिति युद्ध को किस दिशा में ले जाएगी।