बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने ‘बंटोगे तो कटोगे’ के नारे को लेकर एक स्पष्ट संदेश दिया है, जिसमें उन्होंने हिंदुओं से एकजुट रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यदि भारत के हिंदू बंटे रहेंगे तो उन्हें विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। उनके अनुसार, यदि हिंदू संगठित होंगे तो देश के धर्म-विरोधी तत्वों को करारा जवाब मिलेगा। पंडित शास्त्री ने इस संदर्भ में ‘गजवा-ए-हिंद’ की मांग का उल्लेख करते हुए कहा कि कुछ लोग इस तरह की मांग करते हैं, जबकि उन्होंने ‘भगवा ए हिंद’ की मांग की है, जिससे विरोधियों को परेशानी हो रही है।
शनिवार, 2 अक्टूबर 2024 को गुवाहाटी में स्थित प्रसिद्ध कामख्या मंदिर में दर्शन के बाद पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने मीडिया से बात करते हुए जाति व्यवस्था के मुद्दे पर भी अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि प्राचीन समय में भी जातियां थीं, लेकिन हिंदू समाज में विभाजन नहीं था। आज हिंदू समाज जातियों में बंटता जा रहा है, जबकि दूसरे धर्मों के लोग अपने मजहब के लिए संगठित रहते हैं। पंडित शास्त्री ने हिंदुओं को अपने नाम के आगे ‘सनातनी’ और ‘हिंदू’ जोड़ने का सुझाव दिया ताकि समाज में एकता बनी रहे।
हिंदुओं से अधिक बच्चे करने की अपील
धीरेंद्र शास्त्री ने जनसंख्या वृद्धि पर भी जोर देते हुए कहा कि हिंदुओं को अधिक बच्चे पैदा करने चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदुओं को यह बताया गया कि ‘बच्चे दो ही अच्छे’, जबकि दूसरी ओर अन्य समुदाय में बड़ी संख्या में बच्चों का जन्म हो रहा है। उन्होंने कहा, “अगर एक समुदाय में जनसंख्या विस्फोट हो रहा है और उनके 12 बच्चे हैं, तो हिंदुओं के 14 बच्चे होने चाहिए। इसमें से चार बच्चे हिंदू राष्ट्र के लिए होने चाहिए।” पंडित शास्त्री का मानना है कि अधिक जनसंख्या से हिंदू समाज को मजबूती मिलेगी और वे समाज में संतुलन बनाए रख सकेंगे।
21 नवंबर से 29 नवंबर तक करेंगे 160 किमी लंबी पदयात्रा
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदू एकता को बढ़ावा देने के लिए 21 नवंबर से एक विशेष पदयात्रा की घोषणा की है। यह यात्रा बागेश्वरधाम से शुरू होकर 160 किमी की दूरी तय कर ओरछा धाम तक पहुंचेगी। इस पदयात्रा का समापन 29 नवंबर को ओरछा धाम में होगा। धीरेंद्र शास्त्री का उद्देश्य इस यात्रा के माध्यम से हजारों-लाखों सनातन धर्मियों से मिलना और जातियों में बंटे हिंदू समाज को एकजुट करने का प्रयास करना है।
इस पदयात्रा में पंडित धीरेंद्र शास्त्री उन लोगों से संवाद करेंगे जो समाज में विभिन्न जातियों के कारण बंटे हुए हैं और उन्हें संगठित होकर रहने की अपील करेंगे। पंडित शास्त्री का कहना है कि उनकी इस यात्रा का मकसद सनातन धर्म को मजबूत बनाना और समाज में एकता बनाए रखना है ताकि किसी भी प्रकार की बाहरी चुनौती का सामना किया जा सके।
समाज में व्यापक संदेश
पंडित धीरेंद्र शास्त्री का यह कदम समाज में एकता का संदेश फैलाने और हिंदू समाज को संगठित करने के लिए उठाया गया है। जाति और वर्ग में विभाजित समाज को जोड़ने का प्रयास उनके लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। पंडित शास्त्री के अनुसार, यह यात्रा सनातन धर्म के सिद्धांतों को जन-जन तक पहुंचाने और हिंदू समाज में चेतना लाने का एक प्रयास है। उनके इस कदम से हिंदू समाज में एकता की भावना बढ़ने की उम्मीद है।