दिवाली की छुट्टियों के बाद रविवार को दिल्ली-एनसीआर लौट रहे लोगों को भारी ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ा। देहरादून, हरिद्वार और यमुना एक्सप्रेस-वे पर हजारों वाहन धीमी गति से रेंगते नजर आए। आम तौर पर जो सफर 4 घंटे में तय होता है, वह इस दिन 9 घंटे तक खिंच गया। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे, यमुना एक्सप्रेस-वे और जेवर टोल प्लाजा पर लोगों को कई घंटों तक जाम में फंसे रहना पड़ा, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर जाम
रविवार की रात दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर स्थिति काफी खराब रही। आमतौर पर जहां वाहन तेज रफ्तार से चलते हैं, वहां गाड़ियां कई जगहों पर धीमी रफ्तार से रेंगती हुई दिखीं। मेरठ से दिल्ली का सफर, जो सामान्य रूप से 40 मिनट में तय हो जाता है, इस दिन डेढ़ घंटे तक खिंच गया। भैयादूज के अवसर पर कई लोग अपने परिवारों से मिलने के बाद दिल्ली लौट रहे थे, जिससे इस मार्ग पर ट्रैफिक का दबाव अधिक हो गया था। इसके अलावा वीकेंड के दौरान ऋषिकेश घूमने गए टूरिस्ट भी दिल्ली लौट रहे थे, जिसने ट्रैफिक की स्थिति और बदतर बना दी।
यमुना एक्सप्रेस-वे पर भी जाम की समस्या
दिल्ली और आगरा के बीच यमुना एक्सप्रेस-वे पर भी जाम का नजारा देखने को मिला। जेवर टोल प्लाजा पर जाम ने हालात बिगाड़ दिए। दो किलोमीटर लंबा जाम लग गया, जिसमें वाहनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही थी। जेवर कोतवाली पुलिस को जाम हटाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। पुलिस ने प्राइवेट सिक्योरिटी के साथ मिलकर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन वाहनों का दबाव इतना अधिक था कि जाम पूरी तरह से खुलने में काफी समय लग गया।
छुट्टी के बाद वापसी ने बिगाड़े हालात
दिवाली के बाद रविवार को छुट्टी खत्म होने के चलते बड़ी संख्या में लोग अपने घरों से दिल्ली-एनसीआर लौट रहे थे। देहरादून, हरिद्वार और अन्य उत्तराखंड क्षेत्रों से लौट रहे लोगों की भीड़ के कारण ट्रैफिक जाम की समस्या बढ़ गई थी। इस स्थिति ने लोगों को 20 साल पुरानी यादों में वापस पहुंचा दिया, जब एक्सप्रेस-वे नहीं थे और देहरादून से दिल्ली पहुंचने में 10 घंटे से ज्यादा का समय लग जाया करता था। उस समय जाम और धीमी गति के कारण यात्रा थकाऊ हो जाती थी, और रविवार का जाम देखकर लोगों को वही पुराने अनुभव याद आ गए।
आगरा-मथुरा मार्ग पर भी जाम का असर
यमुना एक्सप्रेस-वे पर लगी भीड़ का असर आगरा और मथुरा की ओर जाने वाले मार्ग पर भी देखने को मिला। जेवर टोल प्लाजा पर वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं, और पुलिस व प्राइवेट सिक्योरिटी ने मिलकर जाम खुलवाने के लिए प्रयास किया। जेवर कोतवाली पुलिस के अनुसार, एक साथ बड़ी संख्या में वाहनों के आने के कारण जाम लगा और इसे हटाने में कई घंटे लग गए। इस दौरान सड़क पर वाहनों का दबाव लगातार बना रहा, और पुलिस को इसे नियंत्रित करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
दिल्ली-एनसीआर में ट्रैफिक जाम की चुनौती
दिवाली और अन्य त्योहारी सीजन में दिल्ली-एनसीआर लौटने वाले लोगों की संख्या बढ़ जाती है, जिससे एक्सप्रेस-वे और प्रमुख राजमार्गों पर जाम की समस्या पैदा हो जाती है। कई लोग अपने परिवारों के साथ त्योहार मनाने उत्तराखंड और अन्य राज्यों में गए थे और अब छुट्टी खत्म होने के बाद एक साथ वापस लौट रहे थे। इससे दिल्ली-एनसीआर की ओर जाने वाले सभी प्रमुख मार्गों पर वाहनों का भारी दबाव देखा गया।
पुलिस और प्रशासन के प्रयास
जाम की स्थिति को देखते हुए पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और जाम को हटाने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों को तैनात किया। पुलिस ने ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए सभी संभव प्रयास किए। जेवर कोतवाली पुलिस और प्राइवेट सिक्योरिटी ने मिलकर दो घंटे के भीतर जाम को कुछ हद तक खुलवाया, लेकिन वाहनों की संख्या के कारण जाम पूरी तरह समाप्त नहीं हो सका।
यात्रियों की समस्याएं और इंतजामों की कमी
जाम में फंसे यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। कई लोग इस जाम के कारण अपने गंतव्य तक देर से पहुंचे और उनके सफर का अनुभव बेहद थकाऊ रहा। यात्रियों ने प्रशासन से इस प्रकार की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अधिक सुव्यवस्थित और प्रभावी ट्रैफिक प्रबंधन की मांग की है।
दिवाली के बाद बड़ी संख्या में लोगों की वापसी ने दिल्ली-एनसीआर के प्रमुख मार्गों पर ट्रैफिक जाम की गंभीर समस्या खड़ी कर दी। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे, यमुना एक्सप्रेस-वे और जेवर टोल प्लाजा पर लगे जाम ने यात्रियों को घंटों तक परेशान किया। प्रशासन ने स्थिति को संभालने के प्रयास किए, लेकिन वाहनों का अत्यधिक दबाव हर प्रयास को असफल बना रहा। ऐसे मौकों पर ट्रैफिक प्रबंधन में सुधार और बेहतर योजना की आवश्यकता महसूस की जाती है, ताकि यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा से बचाया जा सके।