चुनाव आयोग ने सोमवार को घोषित की गई उपचुनाव की तारीखों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। आयोग ने 14 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों को संशोधित करते हुए घोषणा की है कि अब इन सीटों पर मतदान 13 नवंबर की बजाय 20 नवंबर को आयोजित किया जाएगा। मतगणना 23 नवंबर को ही निर्धारित की गई है।
प्रभावित राज्य और सीटें
इस बदलाव के तहत उत्तर प्रदेश की सभी 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीख 13 नवंबर से बदलकर 20 नवंबर कर दी गई है। इसके अलावा, पंजाब की 4 और केरल की 1 विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव की तारीख में संशोधन किया गया है।
बदलाव का कारण
चुनाव आयोग के अनुसार, राष्ट्रीय और राज्य स्तर की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने 13 नवंबर को निर्धारित चुनाव तिथियों में बदलाव की मांग की थी। इन पार्टियों का तर्क था कि 13 नवंबर को अनेक धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है, जिससे चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित होने की संभावना है।
चुनाव आयोग का बयान
चुनाव आयोग ने कहा, “चुनावों की सफलता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि मतदान का वातावरण शांत और सुगम हो। 13 नवंबर को धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों के चलते मतदान में कमी आ सकती है, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। इसलिए, उपचुनाव की तारीखों में बदलाव आवश्यक समझा गया।”
राजनीतिक प्रतिक्रिया
राजनीतिक दलों ने इस निर्णय का स्वागत किया है। प्रमुख विपक्षी दलों ने इसे चुनाव प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए सकारात्मक कदम बताया है। वहीं, कुछ अन्य दलों ने इसके पीछे चुनाव आयोग की स्वायत्तता को बनाए रखने की सराहना की है।
मतदाता प्रतिक्रिया
उत्तर प्रदेश, पंजाब और केरल में निवास करने वाले मतदाताओं ने भी इस बदलाव के प्रति सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कई मतदाता कहते हैं कि 20 नवंबर को मतदान करने से उन्हें समय मिलेगा और वे बिना किसी बाधा के मतदान प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे।
आगामी कार्यवाही
चुनाव आयोग ने यह भी घोषणा की है कि सभी संबंधित अधिकारियों और चुनाव एजेंटों को नई तारीखों के अनुसार तैयारी करने का निर्देश दिया गया है। मतदान केंद्रों की व्यवस्था, सुरक्षा प्रबंध और अन्य आवश्यक तैयारियाँ 20 नवंबर तक पूरी कर ली जाएंगी।
तकनीकी और लॉजिस्टिक तैयारी
चुनाव आयोग ने सुनिश्चित किया है कि नई तारीखों के अनुरूप सभी तकनीकी और लॉजिस्टिक तैयारियाँ समय पर पूरी हो जाएँगी। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की जाँच, मतदान केंद्रों की साज-सज्जा और सुरक्षा बलों की तैनाती पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
चुनाव आयोग द्वारा उपचुनाव की तारीखों में किए गए यह बदलाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया की मजबूती और निष्पक्षता को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल चुनाव प्रक्रिया सुगम होगी बल्कि मतदाताओं को भी बेहतर मतदान अनुभव प्राप्त होगा। आगामी उपचुनावों में उच्च मतदान प्रतिशत की उम्मीद की जा रही है, जिससे जनता की इच्छाओं का सटीक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होगा।