आज यानी 05 नवंबर 2024 से छठ पूजा की शुरुआत हो गई है। चार दिनों तक चलने वाला यह महापर्व मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और देश के कई हिस्सों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस पर्व का पहला दिन नहाय-खायके रूप में मनाया जाता है। छठी मैया और सूर्य देव को समर्पित यह त्योहार विशेष महत्व रखता है, जिसमें श्रद्धालु कड़े नियमों का पालन करते हुए व्रत करते हैं और अंत में उगते सूर्य को अर्घ्य देकर इस पर्व का समापन करते हैं।
छठ पूजा के दौरान नहाय-खाय का दिन बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस दिन कुछ विशेष कार्य करने की परंपरा है और कुछ कार्यों को वर्जित माना जाता है, जिन्हें करने से छठी मैया नाराज हो सकती हैं। आइए जानते हैं कि इस दिन कौन से कार्य करने चाहिए और किन कार्यों से बचना चाहिए।
नहाय-खाय के दिन क्या करें?
1. छठी मैया का ध्यान करें
छठ पूजा का आरंभ करने वाले श्रद्धालु सुबह उठकर स्नान करके छठी मैया का ध्यान करते हैं। इस दिन पूजा की शुरुआत श्रद्धा और आस्था के साथ करने का विशेष महत्व है।
2. सात्विक भोजन का सेवन करें
नहाय-खाय के दिन सात्विक और शुद्ध भोजन ही किया जाता है। इस दिन चने, लौकी की सब्जी और भात जैसे साधारण भोजन का सेवन करना चाहिए। यह भोजन शुद्धता का प्रतीक माना जाता है और इसे बनाने में विशेष ध्यान रखा जाता है।
3. प्रसाद बनाते समय साफ-सफाई का ध्यान रखें
छठ पूजा के लिए बनाए जाने वाले प्रसाद में खास तौर पर साफ-सफाई का ध्यान रखना जरूरी है। इस दिन बनाए गए भोजन और प्रसाद में अशुद्धता न हो, इसका ध्यान रखना चाहिए।
4. जमीन पर सोने का नियम
इस पर्व में व्रत करने वाले व्यक्ति को जमीन पर सोना चाहिए। यह छठ पूजा की एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जिससे शारीरिक शुद्धता और संयम का पालन होता है।
5. सूर्य देव और छठी मैया की पूजा-अर्चना
नहाय-खाय के दिन सूर्य देव और छठी मैया की पूजा करना आवश्यक है। सूर्य देव की उपासना से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और स्वास्थ्य लाभ भी मिलता है।
6. दान करें
श्रद्धा के अनुसार गरीबों में दान करना इस पर्व का एक हिस्सा माना गया है। दान करने से पुण्य प्राप्त होता है और यह मान्यता है कि इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
नहाय-खाय के दिन क्या न करें?
1. वाद-विवाद से बचें
नहाय-खाय के दिन किसी प्रकार का वाद-विवाद करना वर्जित माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि वाद-विवाद करने से छठी मैया नाराज हो सकती हैं, इसलिए इस दिन विवाद से दूर रहना चाहिए।
2. अभद्र भाषा का प्रयोग न करें
किसी से बातचीत के दौरान अभद्र भाषा या कठोर शब्दों का उपयोग न करें। इस दिन सौम्यता बनाए रखना और संयमित रहना आवश्यक है।
3. तामसिक भोजन से परहेज
छठ पूजा के दौरान तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। मांसाहार, लहसुन, प्याज जैसी चीजों का सेवन वर्जित है क्योंकि यह सात्विकता को प्रभावित कर सकता है।
4. बुजुर्गों और महिलाओं का अपमान न करें
इस दिन बड़े-बुजुर्गों और महिलाओं का सम्मान करना चाहिए। उनके साथ किसी भी तरह का अभद्र व्यवहार न करें, क्योंकि इससे छठी मैया अप्रसन्न हो सकती हैं।
5. घर को साफ-सुथरा रखें
नहाय-खाय के दिन घर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। पूजा के स्थान को भी स्वच्छ और पवित्र रखना आवश्यक है। इस दिन गंदगी या अव्यवस्था रखना अशुभ माना जाता है।
6. काले रंग के वस्त्र न पहनें
नहाय-खाय के दिन काले रंग के वस्त्र पहनने से बचना चाहिए। इस दिन सफेद, पीले या हल्के रंग के वस्त्र पहनने का महत्व है क्योंकि इसे शुभ माना जाता है।
छठ पूजा का महत्त्व और मान्यता
छठ पूजा एक ऐसा पर्व है जो सूर्य देव और छठी मैया को समर्पित है। यह पर्व मुख्य रूप से उगते और डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर मनाया जाता है। इस पूजा में सूर्य देव को अर्घ्य देने का अर्थ जीवन में ऊर्जा और प्रकाश का संचार करना है। चार दिनों के इस पर्व में श्रद्धालु कठिन तप और नियमों का पालन करते हैं, जिससे उनकी आस्था और भक्ति प्रकट होती है।
छठ पूजा का समापन 08 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होगा। इसके बाद व्रती व्रत का पारण करेंगे। छठ पर्व में जिस प्रकार की पवित्रता, संयम और नियमों का पालन किया जाता है, वह इसे अन्य त्योहारों से अलग और विशेष बनाता है।