रूस में भारत के नए राजदूत विनय कुमार ने मंगलवार को मास्को के प्रतिष्ठित ग्रैंड क्रेमलिन पैलेस के अलेक्जेंडर हॉल में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अपना परिचय पत्र सौंपा। इस दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने भारत और रूस के गहरे और ऐतिहासिक संबंधों को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिए। पुतिन ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध “रणनीतिक विशेषाधिकार प्राप्त साझेदारी” के नए स्तर पर पहुंच गए हैं। उन्होंने इस साझेदारी को समय की कसौटी पर खरा उतरने वाला बताते हुए दोनों देशों के बीच गहरी मित्रता का संदेश दिया।
पुतिन का बयान: भारत-रूस साझेदारी का नया आयाम
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारतीय राजदूत विनय कुमार को अपना परिचय पत्र सौंपते वक्त कहा कि रूस और भारत के रिश्ते हमेशा विशेष और महत्वपूर्ण रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये रिश्ते सामरिक और रणनीतिक साझेदारी पर आधारित हैं, जो कि दोनों देशों के बीच भरोसे और सहयोग का प्रतीक हैं। पुतिन ने इस विशेष संबंध को “विशेषाधिकार प्राप्त साझेदारी” के रूप में परिभाषित किया, जिसमें राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक पहलुओं पर जोर दिया गया।
प्रधानमंत्री मोदी का बयान: रूस-भारत संबंधों की सराहना
रूस में भारत के राजदूत द्वारा परिचय पत्र सौंपे जाने से कुछ समय पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भारत-रूस के रिश्तों पर बड़ा बयान दिया था। पीएम मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर अपने सोशल मीडिया पोस्ट में भारत-रूस संबंधों की सराहना करते हुए इसे “बहुत गहरे” कहा। उन्होंने लिखा कि उनकी बातचीत विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी को और मजबूत करने पर केंद्रित थी।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी की भागीदारी
पिछले महीने रूस ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी की, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लिया। इस दौरान भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा हुई, और पीएम मोदी ने 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए रूस का दौरा भी किया। इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी को रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल” से सम्मानित किया, जो कि दोनों देशों के बीच विशेष और सामरिक साझेदारी की पुष्टि है।
राजदूत विनय कुमार का बयान: वैश्विक महत्व और ब्रिक्स की भूमिका
रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल की कज़ान शिखर सम्मेलन में उपस्थिति और उनके द्वारा विभिन्न देशों के नेताओं से की गई द्विपक्षीय बैठकों के बारे में महत्वपूर्ण अपडेट दिए। उन्होंने शिखर सम्मेलन के लिए दुनिया के शीर्ष नेताओं के एकत्र होने के महत्व पर जोर दिया और ब्रिक्स के महत्व को भारत तथा वैश्विक व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण बताया।
विनय कुमार ने कहा कि यह 16वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन रूस की अध्यक्षता में 22-23 अक्टूबर को कज़ान में आयोजित हुआ था। उन्होंने शिखर सम्मेलन को एक महत्वपूर्ण मंच बताया, जो कि आर्थिक सहयोग, जलवायु परिवर्तन और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
भारत-रूस के गहरे रिश्तों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
भारत और रूस के रिश्ते समय के साथ और भी मजबूत होते रहे हैं। स्वतंत्रता के बाद से, भारत और रूस ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक-दूसरे का समर्थन किया है। 1950 के दशक में जब शीत युद्ध चरम पर था, भारत ने रूस के साथ निकट संबंध बनाए और दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौते हुए। इन वर्षों में, भारत और रूस के बीच रक्षा, विज्ञान, ऊर्जा, अंतरिक्ष और स्वास्थ्य जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा है।
आर्थिक सहयोग और व्यापारिक संबंध
भारत और रूस के बीच न केवल सामरिक बल्कि आर्थिक सहयोग भी बढ़ा है। भारत रूस से तेल, गैस और अन्य ऊर्जा उत्पादों का आयात करता है। हाल के वर्षों में दोनों देशों ने व्यापार में और अधिक वृद्धि करने का लक्ष्य रखा है। भारतीय राजदूत विनय कुमार ने कहा कि भारत रूस के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
रूस ने भारत के साथ किए गए विभिन्न रक्षा समझौतों का भी उल्लेख किया है, जो दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने में सहायक सिद्ध हुए हैं। रक्षा क्षेत्र में भारत ने रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली, मिग-29 लड़ाकू विमान और सुखोई जैसे उन्नत उपकरण खरीदे हैं।
वैश्विक मुद्दों पर भारत और रूस का साझा दृष्टिकोण
अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी भारत और रूस का दृष्टिकोण कई मामलों में एक समान होता है। दोनों देशों ने जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर एक समान रुख अपनाया है। राजदूत विनय कुमार ने कहा कि ब्रिक्स जैसे मंच पर भारत और रूस का सहयोग न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि वैश्विक स्थिरता और शांति के लिए भी महत्वपूर्ण है।
भारत और रूस के बीच संबंधों में हालिया घटनाएं इस बात का प्रतीक हैं कि दोनों देश एक-दूसरे के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं। राजदूत विनय कुमार के परिचय पत्र सौंपने के दौरान राष्ट्रपति पुतिन द्वारा दिए गए बयान से यह स्पष्ट होता है कि भारत और रूस के रिश्ते सिर्फ कूटनीतिक नहीं हैं, बल्कि गहरी मित्रता और सामरिक सहयोग पर आधारित हैं।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच हुए हालिया वार्तालाप से यह भी प्रतीत होता है कि दोनों देश आर्थिक और रक्षा क्षेत्रों में अपनी साझेदारी को और मजबूत करने के लिए प्रयासरत हैं। यह साझेदारी न केवल भारत और रूस के लिए, बल्कि वैश्विक स्थिरता और शांति के लिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।