कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने हाल ही में वायनाड, केरल का दौरा किया, जहाँ वे अपनी बहन प्रियंका गांधी के लिए प्रचार करने पहुंचे, जो वायनाड लोकसभा सीट के उपचुनाव में प्रत्याशी हैं। अपने संबोधन में राहुल गांधी ने भारतीय राजनीति और अपनी व्यक्तिगत राजनीति के सफर के अनुभव साझा किए। उन्होंने इस दौरान अपनी भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र किया, जो उनके लिए एक परिवर्तनकारी अनुभव साबित हुई।
राहुल गांधी ने कहा, “जब मैंने पहली बार भारत जोड़ो यात्रा शुरू की, तो मेरे लिए यह एक राजनीतिक कदम था। इसका उद्देश्य राजनीतिक था, लेकिन जैसे-जैसे यात्रा आगे बढ़ी, मुझे एहसास हुआ कि यह लोगों के बीच एक गहरा भावनात्मक रिश्ता बन गया है। मैंने देखा कि मैं लोगों को गले लगा रहा था, वे मुझे प्यार से चूम रहे थे, और हम एक-दूसरे से अपनी भावनाएं साझा कर रहे थे।”
उन्होंने आगे कहा कि यह यात्रा उनके लिए एक नई सीख का अनुभव था। “मुझे महसूस हुआ कि मैंने लंबे समय से सियासत में ‘प्यार’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है,” राहुल ने कहा। उन्होंने बताया कि वायनाड का उनके दिल में एक विशेष स्थान है और यहां के लोगों ने उनकी राजनीति में प्यार और स्नेह का महत्व सिखाया। उन्होंने कहा, “वायनाड आने के बाद मैंने अपनी राजनीति में ‘प्यार’ शब्द को शामिल करना शुरू किया। यह बदलाव यहां के लोगों की वजह से ही हुआ है।”
राहुल गांधी ने अपनी बहन प्रियंका गांधी के समर्थन में वायनाड के लोगों से आग्रह किया। उन्होंने कहा, “प्रियंका गांधी सांसद पद की उम्मीदवार हैं और वह मेरी छोटी बहन भी हैं, इसलिए मैं आप सभी से उनकी मदद करने की गुजारिश करता हूं। वायनाड मेरे लिए राजनीति से बढ़कर है। यह मेरे दिल में एक विशेष स्थान रखता है।”
राहुल ने वायनाड के प्रति अपने प्रेम और सम्मान को प्रदर्शित करते हुए कहा कि यहां आकर उन्हें हमेशा खुशी महसूस होती है। उन्होंने कहा, “मुझे एहसास हुआ कि वायनाड के लोगों ने मुझे इतना प्यार और स्नेह दिया कि मेरी पूरी राजनीति ही बदल गई। वायनाड ने मुझे सिखाया कि राजनीति में ‘प्यार’ का महत्व कितना गहरा है। इसलिए आज मैं यह खास टी-शर्ट पहन कर यहां आया हूं।”
राहुल गांधी ने वायनाड की खूबसूरती और इसकी संभावनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने प्रियंका गांधी को यह चुनौती दी कि वह वायनाड को दुनिया के सबसे बेहतरीन पर्यटन स्थलों में से एक बनाए। उन्होंने कहा, “जब लोग केरल के बारे में सोचते हैं, तो उन्हें सबसे पहले वायनाड को देखना चाहिए। इससे न केवल वायनाड के लोगों को फायदा होगा, बल्कि इसकी अर्थव्यवस्था भी समृद्ध होगी और इसकी खूबसूरती दुनिया के सामने उजागर होगी।”
राहुल ने अपने संबोधन में यह भी स्पष्ट किया कि इस बार वह एक प्रचारक के रूप में आए हैं, न कि उम्मीदवार के रूप में। उन्होंने कहा, “मैं यहां एक प्रचारक के रूप में आया हूं, उम्मीदवार के रूप में नहीं। जब भी मैं वायनाड आता हूं, मुझे खुशी का अनुभव होता है।”
उन्होंने अपनी बहन के भाषण की तारीफ करते हुए कहा, “प्रियंका का भाषण स्नेहपूर्ण था, वह एक आम राजनीतिक अभियान जैसा नहीं था। यह इस बात का प्रमाण है कि यहां की राजनीति में भावनाओं और स्नेह का महत्व है।”
राहुल गांधी ने वायनाड के लोगों से वायनाड की सुंदरता और विशेषता को पूरी दुनिया के सामने लाने का वादा किया। उन्होंने कहा कि वह हमेशा वायनाड के विकास और लोगों की मदद के लिए तत्पर रहेंगे।
राहुल गांधी की यह यात्रा राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह कांग्रेस के आगामी चुनावी अभियान का एक हिस्सा है और यह उनके और उनकी बहन के बीच के रिश्ते और वायनाड के प्रति उनके विशेष लगाव को दर्शाती है। वायनाड के लोगों के प्रति उनके इस भावनात्मक जुड़ाव ने उन्हें एक बार फिर से अपने राजनीतिक विचारों को प्यार और स्नेह के परिप्रेक्ष्य में देखने की प्रेरणा दी।