उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन और पारदर्शिता की मांग को लेकर छात्रों ने विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है। परीक्षार्थी यूपीपीएससी में कई बदलावों की मांग कर रहे हैं, जिसमें एक ही दिन परीक्षा आयोजित करने, निजी संस्थानों को परीक्षा केंद्र न बनाने, और मानकीकरण प्रक्रिया में सुधार की बातें शामिल हैं। छात्रों का कहना है कि परीक्षा प्रक्रिया में भेदभाव और पारदर्शिता की कमी उनके भविष्य को प्रभावित कर सकती है।
छात्रों के इस विरोध प्रदर्शन को लेकर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने छात्रों की चिंताओं को “गंभीर और महत्वपूर्ण” बताते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इन मांगों को संवेदनशीलता से सुनें और जल्द समाधान निकालें। मौर्य ने छात्रों से अपील की है कि वे आंदोलन के बजाय परीक्षा की तैयारी पर ध्यान केंद्रित करें और भरोसा दिलाया कि योगी सरकार उनकी समस्याओं को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है।
छात्रों की मांगें और विरोध का कारण
यूपीपीएससी परीक्षा के अभ्यर्थी लंबे समय से मानकीकरण, नॉर्मलाइजेशन और निष्पक्षता को लेकर सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि कई दिनों तक परीक्षा आयोजित करने से प्रश्नपत्रों की कठिनाई स्तर में भिन्नता होती है, जिससे सभी उम्मीदवारों के लिए समान अवसर नहीं बन पाते। छात्रों का यह भी आरोप है कि कुछ निजी संस्थानों को परीक्षा केंद्र बनाए जाने से भ्रष्टाचार और पक्षपात की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
छात्रों की यह भी मांग है कि नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया में सुधार किया जाए ताकि विभिन्न दिनों में दिए गए परीक्षाओं के अंक समान रूप से आंके जा सकें। इस मुद्दे पर लंबे समय से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, और छात्रों ने सरकार से इस दिशा में जल्द से जल्द कार्रवाई करने की अपील की है।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का बयान
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘X’ पर इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “यूपी पीसीएस परीक्षा में एक से अधिक दिन की परीक्षा, निजी संस्थानों को केंद्र न बनाने और मानकीकरण प्रक्रिया को लेकर छात्रों की चिंताएं गंभीर और महत्वपूर्ण हैं। छात्रों की मांग है कि परीक्षाएं पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी हों, ताकि उनकी मेहनत का सम्मान हो और भविष्य सुरक्षित रहे।”
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने भर्ती प्रक्रियाओं में निष्पक्षता बनाए रखने के लिए कई सुधार किए हैं। मौर्य ने यह भी उल्लेख किया कि सरकार ने 2017 से अब तक लगभग 7 लाख युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान कर यह साबित किया है कि निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती सरकार की प्राथमिकता है।
योगी सरकार की भर्ती सुधारों की नीति
डिप्टी सीएम ने अपने बयान में योगी सरकार द्वारा भर्ती माफियाओं के खिलाफ उठाए गए सख्त कदमों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि 2017 से भाजपा सरकार ने भर्ती प्रक्रिया में निष्पक्षता और पारदर्शिता का उदाहरण पेश किया है। भर्ती माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए सरकार ने युवाओं को विश्वास दिलाया है कि उनकी मेहनत का सम्मान किया जाएगा। पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करते हुए करीब 7 लाख नियुक्तियां की हैं।
न्यायालय में लंबित मामलों का जल्द समाधान
मौर्य ने न्यायालय में लंबित मामलों का जल्द समाधान निकालने का भी आग्रह किया है, ताकि किसी भी छात्र का भविष्य अनिश्चित न रहे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि छात्रों की मांगों को गंभीरता से सुनें और जल्द से जल्द समाधान करें, जिससे छात्रों का समय आंदोलन में बर्बाद होने के बजाय उनकी तैयारी में लगे।
मौर्य का कहना है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि छात्रों को परीक्षा के दौरान किसी प्रकार की दिक्कत न हो और भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।
सरकार की पहल और छात्रों के लिए संदेश
डिप्टी सीएम मौर्य का यह बयान छात्रों के लिए आश्वासन है कि सरकार उनकी समस्याओं के प्रति संवेदनशील है और उचित कदम उठाएगी। उन्होंने छात्रों से अपील की है कि वे अपनी ऊर्जा आंदोलन में लगाने के बजाय परीक्षा की तैयारी में लगाएं और भरोसा रखें कि योगी सरकार उनकी चिंताओं को समझकर उनका समाधान निकालेगी।
सरकार का मानना है कि पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ परीक्षा प्रक्रिया को आयोजित कर छात्र-युवाओं के सपनों को साकार करने में मदद की जाए। इस कदम से न केवल युवाओं में विश्वास बहाल होगा बल्कि उनकी मेहनत का उचित परिणाम मिलने की संभावना भी बढ़ेगी।
छात्रों के विरोध के मद्देनजर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की प्रतिक्रिया ने यह संकेत दिया है कि यूपीपीएससी परीक्षाओं में सुधार के लिए सरकार संजीदा है। छात्रों की मांगें जायज हैं, और उन्हें न्याय देने के लिए सरकार विभिन्न उपायों पर विचार कर रही है। छात्र-युवाओं के भविष्य को सुरक्षित रखने और उनकी मेहनत का मान रखने के लिए सरकार गंभीरता से काम कर रही है।