महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के हेलीकॉप्टर में लगातार दूसरे दिन बैग की चेकिंग की गई, जिससे चुनाव आयोग के अधिकारियों और शिवसेना प्रमुख के बीच विवाद उत्पन्न हो गया है। मंगलवार, 12 नवंबर को लातूर में हुई इस चेकिंग के बाद ठाकरे भड़क गए और चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए।
चुनाव आयोग की चेकिंग पर उठे सवाल:
चुनाव आयोग की टीम द्वारा उद्धव ठाकरे के हेलीकॉप्टर में बैग की जांच को लेकर शिवसेना प्रमुख ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे जैसे प्रमुख नेताओं के लिए भी इसी तरह की जांच की गई थी। ठाकरे ने इस मामले में सबूत की मांग की और कहा कि अगर उनकी जांच हो रही है तो अन्य नेताओं के साथ भी समान बर्ताव किया जाना चाहिए।
इससे पहले, सोमवार (11 नवंबर) को यवतमाल में भी उनके बैग की चेकिंग की गई थी, जिससे ठाकरे और चुनाव आयोग के अधिकारियों के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी। ठाकरे ने चुनाव आयोग से सवाल किया कि क्या उनके खिलाफ की जा रही चेकिंग के समान ही अन्य सत्तारूढ़ नेताओं के लिए भी सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू किए गए थे।
चुनाव आयोग का सुरक्षा प्रोटोकॉल:
चुनाव आयोग का कहना है कि इस तरह की चेकिंग चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए की जा रही है। यह एक नियमित सुरक्षा प्रोटोकॉल का हिस्सा है जिसका उद्देश्य चुनावों में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या अनुशासनहीनता से बचना है। हालांकि, उद्धव ठाकरे इस चेकिंग को लेकर असंतुष्ट नजर आए और इसे राजनीतिक द्वेष से जोड़ा।
ठाकरे का बयान और जनता से अपील:
यवतमाल रैली में ठाकरे ने बैग चेकिंग के मुद्दे को उठाते हुए कहा, “जब मैं चुनाव प्रचार के लिए आया था, तो सात अधिकारियों ने मेरे बैग की जांच की। मैंने उन्हें अनुमति दी और उनका वीडियो भी बनाया।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर भविष्य में किसी अन्य नेता की बैग चेकिंग की जाती है तो पहले अधिकारी का पहचान पत्र जरूर चेक किया जाए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह सही अधिकारी है।
ठाकरे ने आगे कहा कि चुनाव आयोग को सभी नेताओं के साथ बराबरी का बर्ताव करना चाहिए। “अगर चुनाव आयोग को हमारे कामों की जांच करनी है तो उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी नेताओं की जांच समान स्तर पर हो,” ठाकरे ने कहा।
उन्होंने जनता से यह अपील की कि वे सभी राजनीतिक हस्तियों की बैग चेकिंग की मांग करें, जैसे आम नागरिकों की जेबों की जांच की जाती है। उनका कहना था कि यह लोकतांत्रिक अधिकार है कि सभी नेताओं की जांच समान रूप से हो।
चुनाव आयोग और सत्तारूढ़ गठबंधन पर तंज:
ठाकरे ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग केवल विपक्षी नेताओं के साथ कठोर बर्ताव कर रहा है, जबकि सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं के लिए किसी भी प्रकार की जांच नहीं की जा रही है। उन्होंने महायुति गठबंधन के नेताओं पर की गई बैग जांच के वीडियो सबूत की मांग की और यह सुनिश्चित करने की बात की कि सभी नेताओं के लिए समान सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू किया जाए।