झारखंड में 2024 विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान बुधवार को सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। इस पहले दौर में कुल 15 जिलों की 43 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ, जहां 683 उम्मीदवारों के सियासी भाग्य का फैसला ईवीएम में बंद हो गया है। पहले चरण में शामिल प्रमुख चेहरों में पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा, और पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास की बहू पूर्णिमा दास शामिल रहे।
वोटिंग सुबह 7 बजे से शुरू होकर शाम 5 बजे तक चली। इस दौरान 65.27% मतदान हुआ, जो 2019 के पहले चरण के मुकाबले एक फीसदी अधिक रहा, जब मतदान प्रतिशत 63.75% था। चुनाव आयोग द्वारा जारी अंतिम आंकड़ों में मतदान प्रतिशत में और वृद्धि की संभावना है, जिससे राज्य में लोकतांत्रिक प्रक्रिया में जनता की सक्रिय भागीदारी का संकेत मिलता है।
झारखंड के इस चुनाव में जनता का उत्साह और राजनीतिक सक्रियता देखने को मिली। पूर्वी सिंहभूम जिले में सबसे ज्यादा छह सीटों पर मतदान हुआ, जबकि पलामू, पश्चिमी सिंहभूम, और रांची जिलों में पांच-पांच विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ। कोडरमा और रामगढ़ जिले में सबसे कम एक-एक सीट पर मतदान हुआ। यह भी देखा गया कि ग्रामीण इलाकों में मतदान को लेकर खासा उत्साह था, जबकि शहरी क्षेत्रों में भी लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए बाहर निकले।
पहले चरण के मतदान के दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रही। चुनाव आयोग ने शांति और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए अर्धसैनिक बलों की तैनाती की थी। कई संवेदनशील और अति-संवेदनशील मतदान केंद्रों पर सुरक्षा बलों की विशेष तैनाती की गई थी। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए विशेष इंतजाम किए थे, ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो सके।
चुनाव प्रचार के दौरान सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंकी थी। प्रमुख दलों ने अपने उम्मीदवारों के समर्थन में रैलियों, जनसभाओं और रोड शो के माध्यम से मतदाताओं को आकर्षित करने का प्रयास किया। भाजपा, कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, और अन्य क्षेत्रीय दलों ने जनता से संपर्क साधने और अपने एजेंडे को प्रस्तुत करने के लिए विभिन्न मुद्दों को उठाया। मुख्य मुद्दों में विकास, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा हुई।
चंपई सोरेन, बन्ना गुप्ता, महुआ माजी, गीता कोड़ा, और पूर्णिमा दास जैसे बड़े नामों के चुनावी मैदान में होने से चुनावी मुकाबला बेहद दिलचस्प बना हुआ है। इन चेहरों पर जनता की खास निगाहें हैं, और सभी की निगाहें अब ईवीएम पर टिक गई हैं, जिसमें इन सभी प्रत्याशियों की किस्मत बंद हो चुकी है। चुनाव परिणाम आने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि झारखंड की जनता ने किसे अपना प्रतिनिधि चुना है और किसे बाहर का रास्ता दिखाया है।
अब अगले चरणों के मतदान की तैयारी शुरू हो चुकी है। पहले चरण में बढ़े हुए मतदान प्रतिशत को देखते हुए राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आगामी चरणों में भी जनता का उत्साह इसी प्रकार बना रहेगा।