अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के बाद डोनाल्ड ट्रंप लगातार अपने प्रशासनिक टीम के लिए नए सदस्यों की नियुक्ति कर रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के सचिव पद के लिए अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी के भतीजे रॉबर्ट कैनेडी जूनियर को चुना है। रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर की नियुक्ति से एक ओर जहां ट्रंप समर्थकों में खुशी है, वहीं दूसरी ओर कैनेडी के विवादास्पद विचारों के चलते कई लोग और विशेषज्ञ उनके इस पद पर आने का विरोध कर रहे हैं।
ट्रंप ने की घोषणा
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट के जरिए यह घोषणा की। ट्रंप ने कहा कि रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर को स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग (HHS) के सचिव के रूप में नियुक्त करना उनके लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि यह सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है कि वह अपने नागरिकों की सेहत और सुरक्षा सुनिश्चित करे। ट्रंप का कहना है कि अमेरिकी नागरिक लंबे समय से फूड इंडस्ट्री और दवा कंपनियों की गलत जानकारी और धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में रॉबर्ट कैनेडी इस क्षेत्र में पारदर्शिता और उच्च मानदंड स्थापित करेंगे, जो अमेरिकी स्वास्थ्य सुधार के लिए जरूरी है।
ट्रंप ने अपने पोस्ट में यह भी कहा कि HHS का मुख्य काम लोगों को खतरनाक रसायनों, कीटनाशकों और औषधीय उत्पादों के जोखिम से बचाना है। उन्होंने कैनेडी के बारे में कहा कि वे वैज्ञानिक शोध को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे और स्वास्थ्य विभाग में पारदर्शिता लेकर आएंगे, ताकि पुरानी और गंभीर बीमारियों से निपटने में मदद मिल सके। ट्रंप का कहना था कि यह नियुक्ति अमेरिका को फिर से महान और स्वस्थ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
रॉबर्ट कैनेडी जूनियर की नियुक्ति का विरोध क्यों?
कैनेडी की नियुक्ति के साथ ही उनके खिलाफ विरोध के स्वर उठने लगे हैं। दरअसल, रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर को वैक्सीन का कट्टर विरोधी माना जाता है। उनके विवादास्पद विचारों के अनुसार वैक्सीन का ऑटिज्म और अन्य बीमारियों से सीधा संबंध हो सकता है। कैनेडी ने वैक्सीन के खिलाफ कई बार बयान दिए हैं, जिसके चलते उन्हें दुनियाभर में एंटी वैक्सीन एक्टिविस्ट के रूप में देखा जाता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विभाग का कार्यभार एक ऐसे व्यक्ति को सौंपना जो वैक्सीन के प्रति नकारात्मक विचार रखता है, सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिहाज से हानिकारक हो सकता है। कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि कैनेडी के विचार और नीतियां जनता में भ्रम और अविश्वास फैला सकती हैं। इस नियुक्ति के साथ ही कैनेडी के विचारों पर अमेरिका में एक नई बहस छिड़ गई है, खासकर ऐसे समय में जब कोविड-19 महामारी के बाद दुनियाभर में वैक्सीन को लेकर जागरूकता बढ़ी है।
कौन हैं रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर?
रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर अमेरिका के एक प्रसिद्ध राजनीतिक परिवार से संबंध रखते हैं। वे दिवंगत अटॉर्नी जनरल रॉबर्ट एफ. कैनेडी के बेटे और पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी के भतीजे हैं। कैनेडी जूनियर ने अपनी प्रारंभिक पहचान एक पर्यावरणविद के रूप में बनाई थी, और वे पर्यावरण संरक्षण तथा अन्य सामाजिक मुद्दों पर सक्रिय रहे हैं। हालांकि, उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में वैक्सीन और स्वास्थ्य नीतियों के खिलाफ अपने विचारों को मुखरता से रखा है।
कैनेडी जूनियर ने अपने विचारों के समर्थन में कई किताबें और लेख भी लिखे हैं। उन्होंने वैक्सीन कंपनियों और चिकित्सा संस्थानों के खिलाफ कई आरोप लगाए हैं, जिसमें उनका कहना है कि वैक्सीन और औषधियों में मौजूद रसायनों से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। कैनेडी का मानना है कि वैक्सीन से जुड़े शोधों में पारदर्शिता की कमी है और उन्हें व्यापक जनहित में फिर से परखा जाना चाहिए।
ट्रंप के इस फैसले पर विशेषज्ञों की राय
कैनेडी जूनियर की नियुक्ति पर कई विशेषज्ञों ने अपनी चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि स्वास्थ्य विभाग का नेतृत्व एक ऐसे व्यक्ति को सौंपा जाना जो वैक्सीन के कट्टर विरोधी हैं, एक बड़ा जोखिम हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इस नियुक्ति से स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है, खासकर उन मुद्दों पर जिनमें वैक्सीन और दवा की भूमिका होती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि कैनेडी जैसे व्यक्ति का स्वास्थ्य विभाग में रहना एक समस्या बन सकता है, क्योंकि यह आम जनता में वैक्सीन के प्रति अविश्वास को बढ़ावा दे सकता है। इसके अलावा, कैनेडी के विचारों का प्रभाव स्वास्थ्य नीतियों पर पड़ सकता है, जिससे अमेरिका में सार्वजनिक स्वास्थ्य पर संकट गहरा सकता है।
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर को स्वास्थ्य मंत्री नियुक्त करने का फैसला कई विवादों को जन्म दे रहा है। कैनेडी के एंटी वैक्सीन विचारों के चलते उनके स्वास्थ्य मंत्री बनने को लेकर विशेषज्ञों में गहरी चिंता है। ट्रंप का यह कदम भविष्य में अमेरिकी स्वास्थ्य नीतियों पर गहरा प्रभाव डाल सकता है, खासकर ऐसे समय में जब अमेरिका में स्वास्थ्य सुधारों और जनता के विश्वास को बहाल करने की जरूरत है।