डोनाल्ड ट्रंप के वाइट हाउस में लौटने की संभावनाओं ने एक बार फिर अमेरिका में राजनीतिक अस्थिरता और असंतोष का माहौल बना दिया है। उनके राष्ट्रपति बनने के वादों में एक प्रमुख मुद्दा लाखों अवैध प्रवासियों को देश से बाहर निकालने का रहा है। हालांकि, एक दिलचस्प ट्रेंड यह उभर रहा है कि ट्रंप के संभावित शासन से चिंतित कई अमेरिकी नागरिक खुद विदेश जाने की सोच रहे हैं। इसमें न केवल आम जनता बल्कि शैरन स्टोन और अमेरिका फेरेरा जैसी प्रमुख हस्तियां भी शामिल हैं।
डेटा और ऑनलाइन सर्च
वीजा और इमिग्रेशन संबंधी सहायता प्रदान करने वाली वेबसाइट वीजागाइड वर्ल्ड के अनुसार, ट्रंप की जीत की घोषणा के बाद से ‘देश से बाहर कैसे जाएं’ जैसी सर्चेस में 1500 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। इमिग्रेशन से जुड़ी सर्चेस 338 प्रतिशत तक बढ़ गईं। यह आंकड़े यह दर्शाते हैं कि अमेरिकी नागरिक अब यूके, जर्मनी, नीदरलैंड, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, और यूके जैसे देशों की ओर देखने लगे हैं। द इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट बताती है कि ‘मूविंग टू न्यूजीलैंड’ सर्च सबसे ज्यादा हुई है।
सर्वेक्षण और आम धारणा
हाल में एक मीडिया हाउस द्वारा किए गए सर्वेक्षण में चार हजार अमेरिकियों से उनकी राय पूछी गई, जिसमें हर पांच में से एक व्यक्ति ने कहा कि वे रिलोकेशन पर विचार कर रहे हैं। यह प्रवृत्ति नई नहीं है; 2016 में भी ट्रंप की जीत के बाद कनाडा की इमिग्रेशन वेबसाइट ट्रैफिक की अधिकता के कारण क्रैश हो गई थी। इससे यह स्पष्ट है कि ट्रंप के शासन को लेकर लिबरल और प्रोग्रेसिव वर्ग में गंभीर चिंता है।
किस पर पड़ा निगेटिव प्रभाव
ट्रंप की नीतियों ने मुख्य रूप से लिबरल समुदाय को प्रभावित किया है। उनके इमिग्रेशन, पर्यावरण और विदेशी नीति से संबंधित विचार लिबरल्स के लिए अक्सर असहज साबित हुए हैं। महिलाओं का एक बड़ा तबका भी ट्रंप के नेतृत्व से चिंतित है क्योंकि ट्रंप गर्भपात के खिलाफ हैं और इसके पूर्ण प्रतिबंध के संकेत दे चुके हैं। इसके अलावा LGBTQ समुदाय भी ट्रंप के संभावित शासन में अपने अधिकारों को लेकर आशंकित है।
सेलिब्रिटीज और अन्य नागरिकों की प्रतिक्रिया
कई हॉलीवुड सेलिब्रिटीज ने भी ट्रंप के राजनीतिक कदमों से असहमति जताई है। इनमें से कई, खासकर लंदन जैसे अंतरराष्ट्रीय शहरों में अस्थाई निवास के विकल्प तलाश रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर चर्चा करने वाले ग्रुप्स, जैसे कि रैडिट का r/AmerExit, अमेरिकी नागरिकों को अन्य देशों में बसने के लिए सलाह दे रहे हैं। ग्लोबल सिटिजनशिप फर्म हैनली एंड पार्टनर्स की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकांश अमेरिकी कनाडा जाने की योजना बना रहे हैं।
राजनैतिक असहमति और प्रवास की ऐतिहासिक प्रवृत्ति
राजनैतिक असहमति के कारण देश छोड़ने की प्रवृत्ति नई नहीं है। दूसरे विश्व युद्ध से पहले और कोल्ड वॉर के दौरान भी कई नागरिक अपने-अपने देशों की नीतियों से असहमत होकर दूसरे देशों में शरण ले चुके हैं। इसी तरह, ट्रंप के आगमन से अमेरिका में एक बार फिर से यह ट्रेंड जोर पकड़ता दिख रहा है।
अमेरिका के नागरिकों के लिए आसान है विदेश जाना
अमेरिकी पासपोर्ट की ताकत के कारण अमेरिका के नागरिकों के लिए वीजा प्रक्रिया अपेक्षाकृत सरल होती है। कई देशों में वीजा-फ्री एंट्री या ऑन-अराइवल वीजा की सुविधा अमेरिकी नागरिकों के लिए उपलब्ध है। विशेष रूप से कनाडा, अमेरिका के नागरिकों को वर्क वीजा और वर्क परमिट प्राप्त करने के लिए अनेक अवसर प्रदान करता है। अमेरिका और कनाडा के बीच मजबूत कूटनीतिक संबंध और समान सांस्कृतिक पृष्ठभूमि इसे एक लोकप्रिय विकल्प बनाते हैं।
इन कारणों से स्पष्ट है कि ट्रंप के शासन की संभावनाओं ने अमेरिकियों के एक वर्ग को विदेश में नए अवसर तलाशने के लिए प्रेरित किया है। यह रुझान आगे भी जारी रहने की संभावना है, खासकर अगर राजनीति अस्थिरता बनी रहती है।