उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने दिवाली के बाद राज्य कर्मचारियों के लिए एक और बड़ा तोहफा दिया है। राज्य सरकार ने पांचवें और छठे वेतन आयोग के तहत आने वाले कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) में वृद्धि करने की घोषणा की है। इस संबंध में सरकार की ओर से गुरुवार को आदेश जारी किया गया। इसके पहले, सरकार ने दिवाली से पहले सातवें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों का डीए 3 प्रतिशत बढ़ाने का ऐलान किया था।
1 जुलाई, 2024 से मिलेगा लाभ
सरकार के हालिया आदेश के तहत, कर्मचारियों को महंगाई भत्ते में वृद्धि का लाभ 1 जुलाई, 2024 से मिलेगा। अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने शासनादेश जारी कर यह सूचना दी। यह आदेश राज्य कर्मियों, सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं, प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, शहरी निकायों के स्थायी कर्मचारी, और यूजीसी सैलरी धारक कर्मचारियों पर लागू होगा।
12 प्रतिशत बढ़ा महंगाई भत्ता
पांचवें वेतन आयोग के तहत वेतन पाने वाले कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को 12 प्रतिशत बढ़ाकर 443 प्रतिशत से 455 प्रतिशत कर दिया गया है। वहीं, छठे वेतन आयोग के तहत आने वाले कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 7 प्रतिशत बढ़ाया गया है। अब इन कर्मचारियों को 239 प्रतिशत की जगह 246 प्रतिशत डीए मिलेगा।
दिवाली पर भी हुआ था डीए में इजाफा
दिवाली से पहले, योगी सरकार ने सातवें वेतन आयोग के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों के डीए को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 53 प्रतिशत करने की घोषणा की थी। साथ ही, पेंशनर्स के महंगाई राहत भत्ते (DR) में भी इतनी ही वृद्धि की गई थी। इस घोषणा से राज्य के लाखों कर्मचारियों को राहत मिली थी।
बोनस का भी ऐलान
दिवाली के मौके पर, राज्य सरकार ने कर्मचारियों को बोनस देने की भी घोषणा की थी। इस घोषणा से करीब 14.82 लाख कर्मचारियों को लाभ हुआ था। बोनस देने से राज्य सरकार के खजाने पर 1025 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ा था। सरकार ने इस बोनस और बड़े हुए डीए का लाभ कर्मचारियों को अक्टूबर की सैलरी में दे दिया था। दिवाली के कारण, कर्मचारियों को अक्टूबर की सैलरी 30 अक्टूबर को ही जारी कर दी गई थी।
कर्मचारियों और पेंशनर्स को राहत
महंगाई भत्ते में इस वृद्धि से न केवल कर्मचारियों, बल्कि पेंशनर्स को भी राहत मिलेगी। सरकार के इस कदम से उनके मासिक वेतन में बढ़ोतरी होगी, जिससे उनकी क्रय शक्ति में सुधार होगा और वे महंगाई के प्रभाव से बच पाएंगे।
अन्य कर्मचारियों पर प्रभाव
इस आदेश का लाभ राज्य के स्थायी कर्मचारियों के अलावा, सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं, प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, और शहरी निकायों के कर्मचारियों को भी मिलेगा। यूजीसी सैलरी धारक वे कर्मचारी जिनका वेतन 2006 से पुनरीक्षित नहीं हुआ है और जो पांचवें वेतनमान के अनुसार सैलरी पा रहे हैं, उनके लिए भी यह एक बड़ी राहत साबित होगी।
भविष्य की उम्मीदें
राज्य सरकार के इस कदम से कर्मचारियों के बीच सकारात्मक संदेश गया है। यह उम्मीद जताई जा रही है कि भविष्य में सरकार कर्मचारियों के हित में और भी सुधारात्मक कदम उठा सकती है। कर्मचारियों ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है और इससे उनके मनोबल में भी वृद्धि हुई है।
सरकार के इस निर्णय से न केवल मौजूदा कर्मचारियों को राहत मिलेगी, बल्कि यह कदम नए कर्मचारियों को भी राज्य सेवा में शामिल होने के लिए प्रेरित कर सकता है।