झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान एक नया विवाद तब खड़ा हो गया, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी का हेलिकॉप्टर गोड्डा में हेलीपैड पर फंस गया। यह घटना 13 नवंबर को हुए पहले चरण के मतदान के बाद की है, जब राहुल गांधी प्रचार अभियान में व्यस्त थे। उनका हेलिकॉप्टर गोड्डा के बेलबड्डा इलाके में रुका हुआ था और वह वहां से रवाना होने का इंतजार कर रहे थे। हालांकि, हेलिकॉप्टर को उड़ने की अनुमति नहीं मिली, जिससे चुनावी माहौल में एक नया राजनीतिक विवाद उत्पन्न हो गया।
हेलिकॉप्टर को क्लीयरेंस न मिलने का मुद्दा
कांग्रेस का आरोप है कि उनके नेता राहुल गांधी का हेलिकॉप्टर बीजेपी के दबाव के कारण उड़ान भरने से रोक दिया गया। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी सभा के कारण राहुल गांधी के हेलिकॉप्टर को उड़ने की अनुमति नहीं दी गई। यह आरोप बीजेपी की राजनीतिक रणनीतियों और सत्ता के दुरुपयोग की ओर इशारा करता है। बताया जा रहा है कि गोड्डा हेलीपैड से हेलिकॉप्टर को उड़ने के लिए क्लीयरेंस नहीं मिला, और यह लगभग आधे घंटे से ज्यादा समय तक खड़ा रहा।
कांग्रेस और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप
कांग्रेस ने इस घटना को बीजेपी की “गलत नीति” के रूप में प्रस्तुत किया है। पार्टी के विधायक और नेताओं ने इसे लोकतंत्र पर हमला करार दिया और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अपने विरोधियों को चुनाव प्रचार में कठिनाइयों का सामना करने के लिए दबाव बना रही है। गोड्डा में राहुल गांधी का हेलिकॉप्टर खड़ा होने का एक फुटेज भी सामने आया है, जिसमें वह हेलिकॉप्टर के अंदर बैठे हुए हैं और उड़ान भरने का इंतजार कर रहे हैं। साथ ही, उनके सुरक्षा कर्मी भी हेलीपैड के आसपास तैनात थे।
इस घटनाक्रम ने चुनावी माहौल को और गरम कर दिया है, क्योंकि पहले चरण के मतदान के बाद अब दूसरा चरण 20 नवंबर को होने वाला है। कांग्रेस ने इसे केवल एक घटना नहीं, बल्कि सत्ता के दुरुपयोग का उदाहरण मानते हुए बीजेपी पर तीखे हमले किए हैं।
कल्पना सोरेन का आरोप
यह पहली बार नहीं है जब झारखंड में चुनावी प्रचार के दौरान हेलिकॉप्टर को लेकर विवाद उठा है। इससे पहले, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की विधायक और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने भी इसी तरह का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके हेलिकॉप्टर को लातेहार में एक चुनावी रैली के लिए उड़ने की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने इस घटना को केंद्र सरकार और बीजेपी की रणनीति के तहत राज्य की जनता का अपमान बताया।
चुनावी माहौल में आरोप-प्रत्यारोप
झारखंड में चुनावी माहौल काफी गरम है, और सभी प्रमुख राजनीतिक दल अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं। पहले चरण के मतदान में 13 नवंबर को 15 जिलों की 43 सीटों पर मतदान हुआ था, और अब दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को होगा, जिसमें 38 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इस दौरान, कांग्रेस, बीजेपी, और अन्य राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है।
राज्य में चुनावी माहौल को देखते हुए, यह घटनाएं और आरोप-प्रत्यारोप केवल राजनीतिक नफा-नुकसान की ओर इशारा करते हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता अपने चरम पर है। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी चुनावी मंच पर अपने विरोधियों को दबाने और बाधित करने के लिए ऐसे कदम उठा रही है, जबकि बीजेपी ने इन आरोपों को खारिज किया है और इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है।
झारखंड चुनाव में प्रचार के दौरान हेलिकॉप्टर को उड़ने की अनुमति न मिलने को लेकर उठे विवाद ने राज्य की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है। यह घटनाएं चुनावी माहौल को और भी तीव्र बना रही हैं, और राज्य की जनता के बीच राजनीतिक बयानों और आरोपों की बाढ़ आ गई है। इस घटनाक्रम ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि चुनावी राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप और विवाद स्वाभाविक हैं, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण यह है कि कौन सा दल जनता के दिलों में अपनी जगह बनाने में सफल होता है।