आगामी विधानसभा चुनावों के दौरान आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों को लेकर भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने भाजपा और कांग्रेस पर सख्ती दिखाते हुए उनके अध्यक्षों से जवाब मांगा है। दोनों दलों को सोमवार, 18 नवंबर 2024 को दोपहर 1 बजे तक अपना लिखित उत्तर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
चुनाव आयोग ने दिलाई एडवाइजरी की याद
चुनाव आयोग ने दोनों पार्टियों को मई 2024 में लोकसभा चुनाव के दौरान जारी की गई एडवाइजरी की याद दिलाई। इस एडवाइजरी में स्टार प्रचारकों और नेताओं को सार्वजनिक शिष्टाचार बनाए रखने और आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) का पालन करने की सख्त हिदायत दी गई थी। आयोग ने जोर देकर कहा है कि चुनाव प्रचार के दौरान किसी भी प्रकार के झूठे, भ्रामक और अपमानजनक बयानों से बचना अनिवार्य है।
भाजपा ने राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत की
भाजपा ने मुंबई में आयोजित एक रैली के दौरान राहुल गांधी पर तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने और चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा था कि “एपल के आईफोन और बोइंग के हवाई जहाज महाराष्ट्र की कीमत पर अन्य भारतीय राज्यों में बनाए जा रहे हैं।” भाजपा ने इसे झूठा और आधारहीन करार देते हुए चुनाव आयोग से शिकायत की है।
भाजपा का कहना है कि राहुल गांधी ने महाराष्ट्र और अन्य राज्यों के बीच झूठे और भ्रामक विभाजन की कोशिश की है, जिससे राष्ट्रीय एकता को नुकसान हो सकता है। पार्टी ने यह भी आरोप लगाया है कि कांग्रेस नेता अक्सर भाजपा के खिलाफ निराधार आरोप लगाते रहे हैं।
कांग्रेस ने मोदी और शाह पर किया पलटवार
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ चुनाव आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत दर्ज कराई है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने 8 नवंबर को महाराष्ट्र के नासिक और धुले में आयोजित रैलियों में कांग्रेस और उसके नेताओं के खिलाफ झूठे और अपमानजनक बयान दिए।
कांग्रेस ने यह भी कहा कि पीएम मोदी ने अपने भाषण में कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के खिलाफ आरोप लगाए और उनकी छवि खराब करने का प्रयास किया।
गृह मंत्री अमित शाह पर झारखंड के धनबाद में आयोजित रैली के दौरान कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण बयान देने का आरोप लगाया गया है। कांग्रेस ने कहा कि शाह ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के खिलाफ होने के झूठे आरोप लगाए। इसके अलावा, उन्होंने कांग्रेस पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का भी गंभीर आरोप लगाया।
झारखंड और महाराष्ट्र चुनाव का संदर्भ
झारखंड में एक चरण का चुनाव पहले ही संपन्न हो चुका है, जबकि बाकी सीटों पर 20 नवंबर को मतदान होगा। इसी दिन महाराष्ट्र की सभी सीटों पर भी मतदान होना है। ऐसे में चुनावी माहौल गर्म है, और दोनों प्रमुख दल एक-दूसरे के खिलाफ तीखे हमले कर रहे हैं।
आयोग का रुख और अगला कदम
चुनाव आयोग ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अलग-अलग पत्र लिखकर इन शिकायतों पर अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश दिया है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर दोनों दल समय पर जवाब नहीं देते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
विशेषज्ञों की राय
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि चुनावों के दौरान इस प्रकार के आरोप-प्रत्यारोप आम बात हैं, लेकिन नेताओं को अपने बयान देने में सतर्क रहना चाहिए। चुनाव आयोग के इस कदम से नेताओं पर दबाव बढ़ेगा और आदर्श आचार संहिता के पालन को सुनिश्चित किया जा सकेगा.
चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं के विवादास्पद बयान हमेशा चर्चा का विषय बनते हैं। लेकिन चुनाव आयोग की सख्ती से यह संकेत मिलता है कि आयोग निष्पक्ष और स्वच्छ चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है। अब देखना यह होगा कि भाजपा और कांग्रेस आयोग के सवालों का क्या जवाब देते हैं और इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं।