दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। हवा में घुला जहर लोगों के लिए बड़ी स्वास्थ्य समस्या बन गया है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गंभीर श्रेणी में बना हुआ है, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है। स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का चौथा चरण लागू कर दिया गया है।
दिल्ली का AQI गंभीर स्तर पर
दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई 500 के खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। अलीपुर, बवाना, आनंद विहार, दिलशाद गार्डन, और मंदिर मार्ग जैसे इलाकों में AQI 500 के निशान पर है। द्वारका सेक्टर 8 और डीटीयू में AQI 496 के करीब है, जबकि आईटीओ में यह 386 दर्ज किया गया। मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम और जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम के क्षेत्रों में भी AQI लगभग 500 तक पहुंच चुका है।
GRAP-4 लागू, स्कूल हुए बंद
गंभीर प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली और आसपास के इलाकों में GRAP-4 लागू कर दिया गया है। इसके तहत स्कूलों को बंद कर दिया गया है, और अब कक्षाएं ऑनलाइन माध्यम से संचालित की जाएंगी। दिल्ली के साथ-साथ नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, और हापुड़ जैसे एनसीआर के क्षेत्रों में भी यही व्यवस्था की गई है।
दिल्ली-एनसीआर में स्वास्थ्य संकट
प्रदूषण का स्तर बढ़ने से सांस संबंधी समस्याएं, आंखों में जलन, और गले में तकलीफ जैसी समस्याएं बढ़ गई हैं। बुजुर्गों, बच्चों, और गर्भवती महिलाओं को घर में रहने की सलाह दी गई है। प्रदूषण के कारण अस्पतालों में सांस के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों को लगाई फटकार
दिल्ली-एनसीआर में बिगड़ती वायु गुणवत्ता को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने स्कूलों को बंद करने और प्रदूषण रोकने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए। कोर्ट ने सरकारों से पूछा कि प्रदूषण रोकने के लिए अब तक कौन से ठोस प्रयास किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी ने भी ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने का निर्णय लिया।
प्रदूषण के कारण और समाधान पर सवाल
प्रदूषण के मुख्य कारणों में वाहन उत्सर्जन, निर्माण गतिविधियां, पराली जलाने और औद्योगिक प्रदूषण शामिल हैं। पराली जलाने के मामले में भी केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। कोर्ट ने इस मुद्दे पर सरकारों की लापरवाही पर तीखी टिप्पणी की।
सरकार ने प्रदूषण कम करने के लिए कुछ कदम उठाए हैं, जिनमें निर्माण कार्यों पर रोक, ट्रकों के प्रवेश पर पाबंदी, और प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को बंद करना शामिल है। बावजूद इसके, प्रदूषण के स्तर में सुधार नहीं हो रहा है।
लोगों को क्या करना चाहिए?
प्रदूषण के इस खतरनाक स्तर को देखते हुए विशेषज्ञों ने लोगों को कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी है:
1. एन95 मास्क पहनें: घर से बाहर जाते समय एन95 मास्क का उपयोग करें।
2. एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें: घर के अंदर वायु गुणवत्ता बनाए रखने के लिए एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
3. आवश्यकता होने पर ही बाहर जाएं: बुजुर्ग और बच्चों को घर के अंदर रहने की सलाह दी गई है।
4. स्वास्थ्य पर ध्यान दें: यदि सांस लेने में कोई समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने गंभीर स्वास्थ्य संकट खड़ा कर दिया है। कोर्ट और विशेषज्ञों की चेतावनी के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। सरकार और नागरिकों दोनों को मिलकर प्रदूषण नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। यह समस्या केवल सरकारी प्रयासों से हल नहीं होगी, बल्कि इसके लिए हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।