पश्चिमी गड़बड़ी के कारण मौसम में अचानक बदलाव आ रहा है, जिसका असर केवल पर्यावरण पर नहीं, बल्कि लोगों की सेहत पर भी पड़ रहा है। मौसम में हो रहे तीव्र बदलाव, ठंडी हवाओं और सर्दी के कारण लोगों को खांसी, जुकाम, गले में खराश और दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। खासकर बुजुर्गों में घुटनों के दर्द और पहले से मौजूद सांस की समस्याएं बढ़ गई हैं। वहीं, बच्चों में निमोनिया के मामलों में भी तेजी देखी जा रही है। पिछले एक सप्ताह से जी.एम.सी.एच-32 में मौसमजनित बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ी है, जिससे यह साबित होता है कि बदलते मौसम का सीधा असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है।
जी.एम.सी.एच-32 के बाल रोग विभाग के एच.ओ.डी. डॉ. विशाल गुलगलनी ने बताया कि इस वर्ष जिस तरह मौसम में बदलाव हुआ है, वह आमतौर पर देखा जाने वाले बदलाव से कहीं ज्यादा है। दीपावली के दौरान पटाखों के धुएं और पराली के धुएं से अस्थमा के मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। अब, सर्दी के मौसम में वायरल बुखार, खांसी और जुकाम के मरीजों की संख्या में वृद्धि हो गई है। जी.एम.सी.एच-32 में मौसमजनित बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या रोज़ाना 500 से बढ़कर 700 हो गई है। इनमें से 90 से 100 मरीज वायरल बुखार से पीड़ित होते हैं, जिनमें बुखार के साथ जोड़ों में दर्द और तेज़ बुखार की समस्या भी आम है। साथ ही, 30 से 40 मरीज दमे की शिकायत के साथ अस्पताल में आ रहे हैं, जिनकी उम्र 50 साल से ऊपर है।
डॉ. विशाल ने यह भी बताया कि बच्चों में इस समय जुकाम, खांसी और वायरल निमोनिया के 15 से 20 मामले सामने आ रहे हैं। बदलते मौसम में इन्फेक्शन, बैक्टीरिया और वायरस का खतरा बढ़ जाता है, जिससे उन लोगों में बीमारियों का खतरा और बढ़ जाता है, जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। इस दौरान खासकर बच्चों की देखभाल पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। वायरल सीजन के दौरान बच्चों में वायरल निमोनिया का खतरा भी बढ़ जाता है। पहले यह संख्या 2 से 5 थी, लेकिन अब यह संख्या 12 से 20 तक पहुंच गई है।
सर्दी और ठंड के मौसम में वायरल बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों में। बच्चों में निमोनिया, जुकाम और खांसी के मामलों में वृद्धि हो रही है, जो उनके लिए खतरनाक हो सकता है। मौसम के इस बदलाव से बचने के लिए विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों को अपने शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखना चाहिए। साथ ही, बच्चों और बुजुर्गों को सर्दी से बचाने के लिए गर्म कपड़े पहनाने और खानपान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
इससे यह स्पष्ट है कि मौसम में होने वाले बदलाव से सिर्फ पर्यावरण पर नहीं, बल्कि मानव स्वास्थ्य पर भी गहरा असर पड़ता है। इसलिए हमें मौसम के बदलते ही अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए, ताकि हम इन मौसमी बीमारियों से बच सकें।