गौतम अडानी पर संयुक्त राज्य अमेरिका में रिश्वतखोरी के मामले के खुलासे के बाद भारतीय राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस के बाद अब भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) [सीपीएम] और अन्य विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अडानी को बचाने का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।
सीपीएम का बयान और सीबीआई जांच की मांग
सीपीएम ने गुरुवार (21 नवंबर 2024) को एक बयान जारी कर कहा कि अमेरिका की आपराधिक न्याय प्रणाली द्वारा उपलब्ध कराए गए सबूतों के आधार पर सीबीआई को तुरंत गौतम अडानी के खिलाफ मामला दर्ज करना चाहिए। पार्टी ने यह भी कहा कि यह शर्मनाक है कि सरकारी अधिकारियों को बड़े पैमाने पर रिश्वत देने का खुलासा भारत में नहीं, बल्कि अमेरिका में हुआ। पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हिंडनबर्ग खुलासे और अब इस नए मामले में अडानी को बचाने का आरोप लगाया।
डी. राजा का बयान
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के महासचिव डी. राजा ने इस मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि यह केवल अडानी के व्यावसायिक साम्राज्य की नैतिकता पर सवाल नहीं उठाता, बल्कि भारतीय प्रशासन और निगरानी एजेंसियों की ईमानदारी पर भी सवाल खड़े करता है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की उद्योगपतियों के साथ मिलीभगत की ओर इशारा करते हुए कहा कि बार-बार मांग के बावजूद कोई निष्पक्ष जांच शुरू नहीं की गई। राजा ने कहा कि केवल निष्पक्ष जांच से ही सच्चाई सामने आएगी।
सीपीआई (एमएल) का सर्वोच्च न्यायालय से हस्तक्षेप की मांग
सीपीआई (एमएल) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि अगर मोदी सरकार तुरंत जांच का आदेश नहीं देती है, तो भारत के सर्वोच्च न्यायालय को इस गंभीर मामले का स्वतः संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच को हटाने की मांग करते हुए कहा कि उनकी भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। भट्टाचार्य ने कहा कि इस मामले का भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि और घरेलू अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस का हमला
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने दिल्ली में बिजली क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश की थी, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने उन्हें रोक दिया। उन्होंने कहा कि अडानी ग्रीन एनर्जी ने गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में अनैतिक तरीकों से बिजली ठेके हासिल किए हैं। संजय सिंह ने संसद के आगामी सत्र में इस मुद्दे को उठाने की बात कही।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद साकेत गोखले ने सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि अडानी एनर्जी के शेयर गिर रहे हैं, फिर भी सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। उन्होंने सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की।
बीजेपी का पलटवार
विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस को अडानी समूह के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए। पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह सिर्फ मीडिया में मुद्दे को उठाकर राजनीति कर रही है। पात्रा ने यह भी दावा किया कि अमेरिकी दस्तावेजों में जिन चार भारतीय राज्यों का जिक्र है, वहां कांग्रेस की सरकार थी। उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस पर भारतीय बाजार को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रगति को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं।
राहुल गांधी का हमला और बीजेपी का जवाब
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने अडानी मामले पर प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझकर अडानी समूह के खिलाफ जांच से बच रही है। वहीं, बीजेपी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी और उनके सहयोगी भारतीय बाजारों को नुकसान पहुंचाने के प्रयास में लगे हुए हैं।