महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम 23 नवंबर, 2024 को घोषित होने वाले हैं और उससे पहले महाविकास अघाड़ी (एमवीए) को अपनी गठबंधन सरकार के स्थिरता को लेकर कुछ चिंताएँ उत्पन्न हो गई हैं। एमवीए में शामिल दलों के नेताओं ने यह फैसला लिया है कि चुनाव परिणामों के बाद सभी नवनिर्वाचित विधायकों को एक जगह, मुंबई में रखा जाएगा। इस कदम का मुख्य उद्देश्य खरीद-फरोख्त या विधायकों को लुभाने के प्रयासों को विफल करना है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने इस निर्णय की जानकारी दी है।
मुंबई में विधायकों को एकत्रित रखने का फैसला
संजय राउत ने शुक्रवार को कहा, “हमने फैसला किया है कि सभी नवनिर्वाचित विधायकों को मुंबई लाकर एक साथ रखा जाएगा। मुंबई में रहने की कोई व्यवस्था पहले से नहीं होती है, इसलिये हम उनके लिए समुचित इंतजाम करेंगे ताकि चुनाव परिणामों के बाद कोई खरीद-फरोख्त की कोशिश न हो सके।” राउत के मुताबिक, महाविकास अघाड़ी के नेताओं की एक बैठक में इस योजना पर चर्चा की गई थी। बैठक में अनिल देसाई, जयंत पाटिल, सतेज पाटिल, और बालासाहेब थोराट भी शामिल थे।
160 सीटों के जीतने का दावा
राउत ने यह भी कहा कि महाविकास अघाड़ी इस चुनाव में 160 सीटें जीतने का दावा कर रहा है। उनका कहना था कि कुछ निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी एमवीए का समर्थन करने की इच्छा जताई है, जिनकी जीत की संभावना काफी मजबूत है। उन्होंने यह भरोसा भी जताया कि चुनाव परिणाम के बाद, एमवीए महाराष्ट्र में अगली सरकार बनाने में सफल रहेगा।
मुख्यमंत्री पद पर असमंजस
इस बीच, मुख्यमंत्री पद को लेकर एमवीए में कोई स्पष्ट राय नहीं बन पाई है। संजय राउत ने कहा, “मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई फॉर्मूला नहीं है। सभी गठबंधन सहयोगी मिलकर निर्णय लेंगे।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को मुख्यमंत्री पद के बारे में स्पष्ट राय के साथ मुंबई आना चाहिए, क्योंकि शरद पवार और उद्धव ठाकरे पहले से ही मुंबई में हैं। उनका मानना था कि मुख्यमंत्री पद पर निर्णय सिर्फ महाराष्ट्र में ही लिया जाएगा और किसी भी बाहरी ताकत को इस निर्णय में हस्तक्षेप की अनुमति नहीं दी जाएगी।
सीएम पद पर महायुति और एमवीए के बीच खींचतान
रिजल्ट के आने से पहले ही दोनों प्रमुख गठबंधनों में मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। सत्ताधारी गठबंधन महायुति और विपक्षी महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के बीच इस मुद्दे पर मतभेद बढ़ गए हैं। महायुति के दलों का कहना है कि सरकार उनका नेतृत्व करेगा, जबकि एमवीए के नेता मुख्यमंत्री पद के लिए एक साथ मिलकर निर्णय लेने की बात कर रहे हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने तो पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि एमवीए की सरकार कांग्रेस के नेतृत्व में बनेगी। वहीं, संजय राउत ने गुरुवार को कहा था कि सीएम का चेहरा सभी गठबंधन सहयोगियों के बीच मिलकर तय किया जाएगा।
राज्य विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने वाला है
महाराष्ट्र विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है। ऐसे में पार्टी और गठबंधन दोनों ही 23 और 24 नवंबर को चुनाव परिणामों के बाद अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देंगे और सरकार गठन की प्रक्रिया को तेज करेंगे।