महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजों में महायुति (एनडीए) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सत्ता में वापसी की है। राज्य की कुल 288 सीटों में से महायुति ने अब तक 220 सीटों पर बढ़त बना ली है। वहीं, विपक्षी महाविकास अघाड़ी (एमवीए) केवल 54 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है। इस ऐतिहासिक जनादेश के साथ महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
बीजेपी बनी सबसे बड़ी पार्टी
महायुति में शामिल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सबसे ज्यादा 128 सीटों पर बढ़त हासिल की है। एकनाथ शिंदे की शिवसेना 53 सीटों पर और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी 36 सीटों पर आगे है।
बीजेपी की इस बढ़त के बावजूद मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। सवाल यह है कि क्या बीजेपी इस बार अपना मुख्यमंत्री बनाएगी या फिर एकनाथ शिंदे को ही दोबारा मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी जाएगी।
मुख्यमंत्री पद को लेकर टकराव के आसार
महायुति की जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं:
- बीजेपी का दावा:
बीजेपी नेता प्रवीण दरेकर ने कहा कि महाराष्ट्र को बीजेपी का मुख्यमंत्री मिलना चाहिए। पार्टी की भारी जीत के बाद कार्यकर्ता भी यही मांग कर रहे हैं। - शिंदे का समर्थन:
दूसरी ओर, शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता नरेश म्हस्के ने एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग की है। शिंदे ने चुनाव प्रचार के दौरान महायुति का नेतृत्व किया और उनके विकास कार्यों को जनता के बीच खूब सराहा गया। - फडणवीस की भूमिका:
बीजेपी नेता और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को भी मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदारों में गिना जा रहा है। हालांकि, चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने सीएम चेहरा घोषित नहीं किया, जिससे स्थिति अब और उलझ गई है।
महायुति की रणनीति और शिंदे का प्रभाव
चुनाव प्रचार के दौरान महायुति ने शिंदे सरकार के विकास कार्यों को मुख्य एजेंडा बनाया। शिवसेना (शिंदे गुट) ने अपने गढ़ को मजबूत किया और गठबंधन के लिए अहम भूमिका निभाई। हालांकि, बीजेपी की रणनीति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महायुति को ऐतिहासिक जीत मिली।
क्या होगा ‘बिहार मॉडल’ का असर?
महायुति में मुख्यमंत्री पद को लेकर बिहार मॉडल की चर्चा हो रही है।
- 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, लेकिन उसने मुख्यमंत्री पद नीतीश कुमार को सौंप दिया।
- महाराष्ट्र में भी एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महायुति ने चुनाव लड़ा, लेकिन बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि मुख्यमंत्री पद किसे सौंपा जाता है।
2019 की यादें और नई चुनौतियां
2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन नतीजों के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर तनाव बढ़ गया। शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन कर महाविकास अघाड़ी सरकार बनाई।
2022 में एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई, और बीजेपी ने शिंदे को मुख्यमंत्री बनाकर नई सरकार बनाई। इस बार भी मुख्यमंत्री पद को लेकर स्थिति जटिल है।
जनता का जनादेश और विकास की उम्मीदें
महाराष्ट्र की जनता ने इस चुनाव में महायुति को स्पष्ट जनादेश दिया है।
- बीजेपी: सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।
- शिंदे गुट: विकास कार्यों के एजेंडे को आगे बढ़ाया।
- अजित पवार गुट: एनसीपी के साथ गठबंधन में मजबूती से खड़ा रहा।
आखिरी फैसला शीर्ष नेतृत्व का
महायुति के नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री पद का फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी हाईकमान के नेतृत्व में लिया जाएगा। शिंदे ने कहा कि गठबंधन में सभी दल मिलकर यह निर्णय लेंगे।