चब्बेवाल विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के युवा उम्मीदवार डॉ. इशांक कुमार चब्बेवाल ने 28,337 वोटों के बड़े अंतर से शानदार जीत दर्ज की। डॉ. इशांक को कुल 51,904 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के रणजीत कुमार को 23,214 वोट हासिल हुए। भाजपा के उम्मीदवार सोहन सिंह ठंडल 8,692 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे।
डॉ. इशांक कुमार चब्बेवाल पेशे से डॉक्टर हैं और उन्होंने हाल ही में राजनीति में कदम रखा है। वे आम आदमी पार्टी के सांसद डॉ. राजकुमार चब्बेवाल के बेटे हैं। राजकुमार चब्बेवाल ने 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी का दामन थामा और चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे। उनके लोकसभा पहुंचने के बाद चब्बेवाल विधानसभा सीट खाली हो गई थी, जिस पर अब उनके बेटे ने जीत दर्ज कर पार्टी को बड़ी सफलता दिलाई है।
राजनीति में इशांक की एंट्री
डॉ. इशांक का राजनीतिक सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन उनकी यह जीत बताती है कि जनता ने उनकी और आम आदमी पार्टी की नीतियों में भरोसा जताया है। इशांक अपने पिता के साथ राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय रहे हैं, लेकिन उनके पास राजनीति का सीमित अनुभव है। इसके बावजूद वे जनता से जुड़े मुद्दों और अपनी स्पष्ट छवि के कारण लोगों का समर्थन हासिल करने में सफल रहे।
कड़ी सुरक्षा और शांतिपूर्ण मतदान
इस उपचुनाव में 64.01% मतदान हुआ। चुनाव प्रक्रिया के दौरान गिनती केंद्रों पर सख्त सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। पंजाब पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र बलों की तीन-स्तरीय सुरक्षा तैनात थी, और गिनती प्रक्रिया की निगरानी सीसीटीवी कैमरों के जरिए की गई।
विपक्षी दलों की हार
कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवारों ने इस चुनाव में इशांक के खिलाफ अपनी दावेदारी पेश की थी। कांग्रेस के रणजीत कुमार, जो दूसरे स्थान पर रहे, ने 23,214 वोट हासिल किए। हालांकि, आम आदमी पार्टी और इशांक चब्बेवाल के चुनाव प्रचार ने जनता पर गहरा प्रभाव छोड़ा। भाजपा के उम्मीदवार सोहन सिंह ठंडल, जो तीसरे स्थान पर रहे, को केवल 8,692 वोट मिले। यह स्पष्ट करता है कि इस चुनाव में मुकाबला मुख्य रूप से आप और कांग्रेस के बीच था, लेकिन आप की नीतियों ने जनता का विश्वास जीतने में सफलता पाई।
इशांक के नेतृत्व से उम्मीदें
डॉ. इशांक चब्बेवाल की जीत आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। उनकी इस ऐतिहासिक जीत से यह साफ हो गया है कि आम आदमी पार्टी पंजाब में लगातार अपनी स्थिति मजबूत कर रही है। इशांक की यह जीत न केवल युवाओं के राजनीति में आने का प्रतीक है, बल्कि यह भी दिखाती है कि जनता अब नई और ईमानदार राजनीति की ओर देख रही है।
चब्बेवाल सीट पर डॉ. इशांक चब्बेवाल की जीत से पार्टी और समर्थकों में उत्साह है। अब उनसे उम्मीद की जा रही है कि वे अपने पिता की तरह जनता की सेवा करेंगे और इलाके के विकास में अहम भूमिका निभाएंगे।