महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महायुति (भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना का गठबंधन) ने प्रचंड जीत हासिल की है। इसी के साथ उत्तर प्रदेश उपचुनावों में भाजपा की धमाकेदार सफलता ने पार्टी के प्रभाव को और मजबूत कर दिया है। इन नतीजों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष, खासकर कांग्रेस पार्टी पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कांग्रेस को भारतीय राजनीति में “परजीवी पार्टी” करार दिया और आरोप लगाया कि यह पार्टी न केवल अपनी हार का कारण बन रही है, बल्कि अपने सहयोगी दलों को भी कमजोर कर रही है।
महाराष्ट्र में कांग्रेस की हार और पीएम मोदी का बयान
महाराष्ट्र में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन को लेकर पीएम मोदी ने तीखे शब्दों में आलोचना की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के दौरान वीर सावरकर के मुद्दे को अस्थायी रूप से छोड़ा, लेकिन इससे जनता का विश्वास हासिल करने में विफल रही। उन्होंने कहा,
“कांग्रेस का स्ट्राइक रेट 20% से भी कम रहा। हर पांच में से चार सीटों पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा। यह साफ है कि जनता को अब कांग्रेस की राजनीति पर भरोसा नहीं है।”
महायुति की इस जीत को भाजपा और शिवसेना की सशक्त रणनीति और जमीनी मुद्दों पर काम करने का नतीजा बताया जा रहा है। भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने महाराष्ट्र में विकास, रोजगार और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर फोकस किया, जिसने जनता का समर्थन हासिल किया।
तुष्टिकरण और वक्फ बोर्ड विवाद पर निशाना
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने वोट बैंक की राजनीति के लिए संविधान का दुरुपयोग किया है। उन्होंने 2014 में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान वक्फ बोर्ड को संपत्तियां सौंपने का मुद्दा उठाया और इसे संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर के साथ विश्वासघात करार दिया। पीएम मोदी ने कहा,
“कांग्रेस ने झूठे सेक्युलरिज्म के नाम पर देश की पंथनिरपेक्ष परंपरा को नुकसान पहुंचाया है। यह तुष्टिकरण की राजनीति अब खत्म होनी चाहिए।”
जाति की राजनीति पर भी हमला
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर जाति आधारित राजनीति करने और सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा,
“सामाजिक न्याय की भावना को मजबूत करने के बजाय कांग्रेस अब जाति का जहर फैला रही है। सत्ता की भूख के चलते कांग्रेस देश और समाज के हितों की अनदेखी कर रही है।”
उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व को “शाही परिवार” कहकर आलोचना की और कहा कि पार्टी न केवल अपनी विचारधारा से भटक गई है, बल्कि अपने पुराने समर्थकों और कार्यकर्ताओं को भी निराश कर रही है।
महाराष्ट्र में महायुति की रणनीति
महायुति ने महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के दौरान विकास और राष्ट्रीय मुद्दों को प्राथमिकता दी। शिवसेना और भाजपा के एकजुट प्रयास और नेतृत्व ने राज्य में विपक्ष को बैकफुट पर ला दिया।
महायुति के नेताओं ने न केवल स्थानीय मुद्दों पर जोर दिया, बल्कि किसानों की समस्याएं, महिला सुरक्षा और युवाओं को रोजगार के अवसरों की बात करते हुए जनता का विश्वास जीता। वहीं, कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने वीर सावरकर, जाति और धर्म जैसे मुद्दों पर फोकस किया, जिससे जनता का समर्थन कम हुआ।
यूपी उपचुनावों में भाजपा का प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश में भी उपचुनावों में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए ज्यादातर सीटों पर जीत दर्ज की। इससे राज्य में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता और मजबूत हुई है। यूपी में भाजपा ने कानून व्यवस्था, विकास और गरीब कल्याणकारी योजनाओं को प्रमुख मुद्दा बनाया।
विपक्ष के लिए बड़ा झटका
महाराष्ट्र और यूपी में चुनाव परिणाम विपक्ष के लिए एक बड़ा झटका साबित हुए हैं। कांग्रेस का प्रदर्शन लगातार खराब होता जा रहा है, और यह गठबंधन राजनीति में भी प्रभावहीन साबित हो रही है।
महाराष्ट्र में महायुति की जीत और यूपी में भाजपा की सफलता ने पार्टी की लोकप्रियता को और बढ़ा दिया है। प्रधानमंत्री मोदी के बयानों ने कांग्रेस की कमजोरियों को और उजागर किया है। इन नतीजों से यह स्पष्ट है कि भाजपा अपनी रणनीतियों और नीतियों के जरिए 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले मजबूत स्थिति में पहुंच चुकी है। विपक्ष के लिए यह समय आत्ममंथन का है।