उत्तर प्रदेश के संभल में स्थित शाही जामा मस्जिद में आज एक बार फिर सर्वे का काम पूरा हुआ। हालांकि इस दौरान भारी तनाव का माहौल बन गया। सर्वे टीम के पहुंचने पर सुबह 6 बजे ही मस्जिद के आसपास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। पुलिस, पीएसी और आरआरएफ की तैनाती के बावजूद मस्जिद के बाहर पथराव हुआ, जिससे हालात बिगड़ गए। पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने और लाठीचार्ज करने की जरूरत पड़ी।
सर्वे का उद्देश्य और प्रक्रिया
19 नवंबर को कोर्ट द्वारा पारित आदेश के तहत मस्जिद का सर्वे किया गया। वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने जानकारी दी कि यह सर्वे एडवोकेट कमिश्नर के निर्देशन में हुआ, जिसमें सुबह 7:30 बजे से 10:00 बजे तक मस्जिद की विशेषताओं का अध्ययन किया गया। सर्वेक्षण के दौरान वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की गई। रिपोर्ट 29 नवंबर तक कोर्ट में प्रस्तुत की जाएगी।
पथराव और पुलिस कार्रवाई
सर्वे के दौरान मस्जिद के बाहर बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए और पथराव शुरू कर दिया।
- पुलिस का जवाब:
- आंसू गैस के गोले छोड़े गए।
- लाठीचार्ज किया गया।
- भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ड्रोन से निगरानी शुरू की गई।
- उपद्रवियों की हरकत:
- पुलिस की गाड़ियों में आग लगाई गई।
- इलाके में भारी तनाव फैल गया।
- सुरक्षा प्रबंध:
- घरों की छतों पर पुलिस तैनात की गई।
- हर गली में ड्रोन कैमरों से नजर रखी जा रही है।
एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि घटना के बाद क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बहाल कर दी गई है। उन्होंने कहा कि पथराव करने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन का हस्तक्षेप
संभल के डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया और एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला।
- एसपी का बयान:
उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश के अनुसार सर्वे का कार्य पूरा किया गया। किसी भी प्रकार की गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। - डीएम का प्रयास:
डीएम ने भीड़ को समझाने का प्रयास किया, लेकिन नारेबाजी और पत्थरबाजी के कारण माहौल और बिगड़ गया।
डिप्टी सीएम और भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया
पथराव की घटना पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सख्त प्रतिक्रिया दी।
- डिप्टी सीएम का बयान:
उन्होंने कहा, “सरकार और पुलिस का कर्तव्य है कि वह कोर्ट के आदेश का पालन करे। जो भी इसमें बाधा डालेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।” - राज्य मंत्री जयवीर सिंह का बयान:
“कुछ लोग खुद को कानून और संविधान से ऊपर समझते हैं। इस तरह की हरकतें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।” - भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी का बयान:
उन्होंने कहा, “यह मुगलिया सल्तनत का दौर नहीं है। कोर्ट के आदेश का पालन हर हाल में होगा। जो कानून तोड़ने का प्रयास करेंगे, उन्हें सजा दी जाएगी।”
तनाव के बाद का माहौल
पथराव के बाद इलाके में सन्नाटा पसरा हुआ है।
- सुरक्षा बढ़ाई गई:
पुलिस ने इलाके के हर गली और छत पर निगरानी के लिए बल तैनात किया है। - स्थानीय लोगों की चिंता:
स्थानीय निवासी घरों के दरवाजे बंद करके बैठे हैं।