कांग्रेस महासचिव और वायनाड से नवनिर्वाचित सांसद प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के संभल में हुए विवाद पर राज्य सरकार और प्रशासन के रवैये को लेकर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस संवेदनशील मामले में जिस तरह से जल्दबाजी और भेदभावपूर्ण तरीके से कार्रवाई की है, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है।
प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “संभल में अचानक उठे विवाद को लेकर राज्य सरकार का रवैया बेहद निराशाजनक है। बिना दूसरे पक्ष को सुने और बिना दोनों पक्षों को विश्वास में लिए प्रशासन ने जिस तरह से हड़बड़ी में कार्रवाई की, वह इस बात को दर्शाता है कि सरकार ने खुद माहौल खराब करने का काम किया है।”
उन्होंने आगे लिखा, “सत्ता में बैठकर भेदभाव, अत्याचार और फूट फैलाने का प्रयास करना न जनता के हित में है, न देश के हित में। यह केवल समाज में अशांति और असंतोष को बढ़ावा देता है।” प्रियंका ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से संज्ञान लेने की मांग करते हुए न्याय दिलाने की अपील की।
प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रदेश सरकार और प्रशासन को संवेदनशील मामलों में जल्दबाजी करने के बजाय सभी पक्षों को ध्यान से सुनकर और संविधान के अनुसार काम करना चाहिए। उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाया कि इस मामले में न केवल आवश्यक प्रक्रिया का पालन किया गया बल्कि कर्तव्य का निर्वहन भी सही तरीके से नहीं किया गया।
प्रियंका गांधी ने प्रदेश की जनता से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा, “हर हाल में प्रदेश की जनता को संयम और शांति बनाए रखनी चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि नफरत फैलाने वाले किसी भी प्रयास को विफल करना समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है।
संभल का मामला पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में है और इसे लेकर प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस समेत विपक्षी दल इस मुद्दे पर सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। वहीं, राज्य सरकार और प्रशासन का कहना है कि उन्होंने कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं।
प्रियंका गांधी की इस प्रतिक्रिया ने मामले को और गरमा दिया है। अब देखना यह होगा कि सुप्रीम कोर्ट या राज्य सरकार इस पर क्या कदम उठाते हैं और स्थिति को शांतिपूर्ण बनाए रखने के लिए क्या उपाय किए जाते हैं।