आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने सोमवार को राज्यसभा में अडानी समूह के खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार मामले पर चर्चा करने के लिए नोटिस दिया। उन्होंने यह नोटिस अमेरिकी अदालत में अडानी के खिलाफ चल रही जांच को लेकर दिया है, जिसमें उनके खिलाफ भ्रष्टाचार और वित्तीय गड़बड़ियों के गंभीर आरोप लगे हैं। संजय सिंह ने यह मांग की कि इस मुद्दे पर सदन में विस्तृत चर्चा की जाए, ताकि इस मामले में सरकार की भूमिका और उनके द्वारा की जा रही कार्रवाई पर स्पष्टता मिल सके।
अडानी और सरकार के बीच गठजोड़ पर आरोप
संजय सिंह ने अपने नोटिस में आरोप लगाया कि केंद्र सरकार और पूंजीपतियों के बीच अनैतिक गठजोड़ के कारण देश में पूंजीवाद बढ़ रहा है, जिससे अमीर-गरीब के बीच की खाई और भी चौड़ी हो रही है। उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचार सिर्फ एक उद्योगपति तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे पूरे देश की आर्थिक व्यवस्था और संविधान पर गंभीर संकट उत्पन्न हो सकता है। संजय सिंह ने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है और इन भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
अडानी समूह पर हो जांच
संजय सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार अडानी समूह को लाभ पहुंचाने के लिए राज्य सरकारों पर दबाव बना रही है। उन्होंने कहा कि अमेरिका की अदालत में अडानी समूह के खिलाफ चल रही जांच को भारत में भी सही तरीके से किया जाना चाहिए। उनका कहना था कि जैसे अमेरिका में अडानी पर चल रही जांच को गंभीरता से लिया जा रहा है, वैसे ही भारत में भी इस मुद्दे की गहन जांच की जानी चाहिए, ताकि सच सामने आ सके और जिम्मेदारों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके।
संजय सिंह की अपील
संजय सिंह ने राज्यसभा में नियम 267 के तहत यह नोटिस दिया, जिसमें उन्होंने सभी अन्य मुद्दों पर चर्चा रोककर अडानी के भ्रष्टाचार मामले पर तत्काल बहस करने की अपील की। उनका कहना था कि इस गंभीर मुद्दे पर चर्चा न केवल आवश्यक है, बल्कि यह संविधान की रक्षा के लिए भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि अगर पूंजीपति सरकार से मिलकर नीतियों को प्रभावित करेंगे और आम आदमी के अधिकारों का उल्लंघन करेंगे, तो यह देश की संविधानिक धारा के खिलाफ होगा और इससे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को खतरा होगा।
भ्रष्टाचार का प्रभाव
संजय सिंह ने यह भी कहा कि यह भ्रष्टाचार केवल एक उद्योगपति के निजी मामले तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश की आर्थिक व्यवस्था और संविधान की मूल आत्मा को भी प्रभावित कर सकता है। उन्होंने इस पर गहरी बहस की आवश्यकता जताई, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि देश की सरकार ऐसे भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।
संजय सिंह की सक्रियता
यह पहली बार नहीं है जब संजय सिंह ने अडानी समूह के खिलाफ मोर्चा खोला है। वह पहले भी कई बार अडानी विवाद पर अपनी आवाज उठा चुके हैं और इस मामले को लेकर संसद में सरकार को घेरने की कोशिश कर चुके हैं। अमेरिका में अडानी समूह के खिलाफ जो गंभीर आरोप लगाए गए हैं, उनके बाद संजय सिंह ने फिर से यह मुद्दा उठाया है और सरकार से इसकी सुरक्षात्मक जांच की मांग की है।
अडानी मामले पर बढ़ रही चर्चा
हाल ही में, अमेरिका की अदालत में अडानी समूह के खिलाफ कई गंभीर आरोप सामने आए हैं, जिसमें 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा के घोटाले का आरोप लगाया गया है। इस मामले ने भारत में भी राजनीतिक और कारोबारी हलकों में हलचल मचा दी है। कई विपक्षी दलों ने सरकार से अडानी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है, जबकि कई अन्य ने आरोप लगाया है कि सरकार इस मामले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है।
इस पूरे मामले में संजय सिंह की भूमिका काफी सक्रिय रही है। वह लगातार राज्यसभा और संसद में इस मुद्दे को उठा रहे हैं और सरकार से जवाब देने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है, जो सीधे तौर पर देश की अर्थव्यवस्था और संविधान से जुड़ा हुआ है।
इस तरह, संजय सिंह ने अडानी समूह के खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के मामले पर राज्यसभा में विस्तृत चर्चा करने की अपील करते हुए इसे देश की लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए जरूरी करार दिया है।