दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) चुनाव 2024 के परिणामों की घोषणा हो चुकी है, जिसमें इस बार बदलाव देखने को मिला है। कई वर्षों के बाद डूसू में इस बार तख्तापलट हुआ है। एनएसयूआई ने अध्यक्ष और सचिव पदों पर जीत हासिल की है, जबकि एबीवीपी ने उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद पर अपना कब्जा जमाया है।
मतगणना की प्रक्रिया आज सुबह 8 बजे से शुरू हुई थी, जो देर शाम तक जारी रही। नॉर्थ कैंपस में मतगणना के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी रखी गई थी। कुल 14 सीसीटीवी कैमरे और 8 वीडियो कैमरे लगाए गए थे, ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोका जा सके और चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
अध्यक्ष पद पर एनएसयूआई के रौनक खत्री ने जीत दर्ज की। 15वें राउंड तक रौनक खत्री आगे थे और अंततः वह विजयी रहे। इस जीत के बाद एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने खुशी जाहिर की, लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय ने एक खास नियम लागू किया है। चुनाव परिणाम के बाद ढोल, लाउडस्पीकर, पटाखों और रोडशो की अनुमति नहीं होगी। दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी उम्मीदवारों से एक शपथपत्र साइन कराया है, जिसमें उम्मीदवारों को चुनाव परिणामों के बाद इन गतिविधियों से बचने का वचन देना होगा। इसके अलावा, यदि किसी उम्मीदवार ने इन शर्तों का उल्लंघन किया, तो उसकी जीत रद्द हो सकती है या उसे पद से हटा दिया जा सकता है।
चुनाव के परिणाम से पहले दिल्ली विश्वविद्यालय कैंपस में एक बार फिर से गंदगी फैल गई थी। हर कॉलेज के बाहर सड़कों पर पोस्टरों, पैम्पलेट्स और दीवारों पर प्रचार सामग्री से माहौल अस्त-व्यस्त हो गया था। यह स्थिति तब उत्पन्न हुई जब दिल्ली उच्च न्यायालय ने पहले ही आदेश दिया था कि चुनाव प्रचार के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए, विशेषकर दीवारों पर पोस्टर और विज्ञापन चिपकाने से बचने की हिदायत दी थी। अदालत ने स्पष्ट निर्देश दिए थे, लेकिन चुनाव के अंतिम चरण में इन आदेशों का उल्लंघन होता नजर आ रहा था।
अब, चुनाव परिणामों के बाद, दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने कड़ी निगरानी रखी और इसे लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। चुनाव प्रचार और गंदगी को लेकर विश्वविद्यालय में निरंतर सुधार की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
इस चुनाव में एनएसयूआई और एबीवीपी के बीच कड़ी टक्कर रही, और अंत में एनएसयूआई ने अध्यक्ष और सचिव पद पर कब्जा जमाया। एबीवीपी ने उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव के पदों पर जीत हासिल की। कुल मिलाकर इस बार का डूसू चुनाव दिलचस्प रहा और दोनों पार्टियों ने अपनी जीत को लेकर उत्साह जाहिर किया है।