उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान भड़की हिंसा में चार लोगों की मौत और कई पुलिसकर्मियों समेत दर्जनों के घायल होने के बाद तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। इस घटना पर राजनीति भी तेज हो गई है, और समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने हिंसा की जांच और जानकारी के लिए 12 नेताओं का प्रतिनिधिमंडल भेजने का निर्णय लिया है।
प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन हैं शामिल?
सपा के इस प्रतिनिधिमंडल में विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे, विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव, राज्यसभा सांसद जावेद अली, लोकसभा सांसद हरिंदर मलिक, रुचि वीरा, जिया उर रहमान बर्क, नीरज मौर्य, और अन्य विधायकों व जिला अध्यक्षों को शामिल किया गया है।
पुलिस की इजाजत नहीं, रोके जा सकते हैं नेता
पुलिस प्रशासन ने सपा प्रतिनिधिमंडल को संभल जाने की अनुमति नहीं दी है। संभावना है कि इन नेताओं को जिले की सीमा पर ही रोक दिया जाएगा।
800 लोगों पर मामला दर्ज, 2750 अज्ञात आरोपी
पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में सात मुकदमे दर्ज किए हैं, जिनमें 800 नामजद और 2750 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है। सपा सांसद जिया उर रहमान बर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल पर भी भीड़ को भड़काने का आरोप लगाया गया है।
सियासी आरोप-प्रत्यारोप
घटना को लेकर विपक्षी दलों ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने हिंसा के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
संभल में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है, और प्रशासन ने इलाके में शांति बहाल करने की अपील की है।