संसद का शीतकालीन सत्र 2024 के तीसरे दिन, 27 नवंबर को, विपक्ष के भारी हंगामे के बीच लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई। सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही लोकसभा में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्य अपनी-अपनी मांगों को लेकर हंगामा करने लगे, जिससे कुछ ही मिनटों में सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
कांग्रेस ने अदाणी समूह मामले को उठाने की कोशिश की
लोकसभा की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, कांग्रेस के सदस्य अपने स्थानों से खड़े हो गए और अदाणी समूह से जुड़े मामलों को उठाने का प्रयास करने लगे। कई सदस्य कार्यस्थगन के नोटिस भी देते सुनाई दिए। इसके अलावा, सपा के सदस्य भी संभल की घटना पर चर्चा की मांग कर रहे थे। विपक्ष के इस हंगामे के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कार्यवाही शुरू की और प्रश्नकाल के लिए आदेश दिया। हालांकि, कांग्रेस और सपा के कई सदस्य आसन के पास पहुंचकर नारेबाजी करने लगे, जिससे सदन में गहमा-गहमी का माहौल बन गया।
प्रश्नकाल में अरुण गोविल ने उठाए सवाल
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के सदस्य अरुण गोविल ने इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से संबंधित कुछ पूरक सवाल पूछे। विभाग के मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इन सवालों का जवाब दिया। हालांकि, इस दौरान विपक्षी सदस्य लगातार नारेबाजी करते रहे, और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें शांत होने की अपील की। बिरला ने कहा कि गोविल पहली बार प्रश्न पूछ रहे हैं, इसलिए सदन की कार्यवाही चलने देना चाहिए।
कार्यवाही स्थगित, राहुल गांधी की संविधान पर बहस की मांग
हंगामे को देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी। इसके बाद, कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने लोकसभा में संविधान पर दो दिवसीय बहस की मांग की। उन्होंने कहा कि संविधान पर चर्चा होनी चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि देश में संविधान के प्रावधानों का सही तरीके से पालन हो रहा है।
इसी तरह, राज्यसभा में भी विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने उच्च सदन में संविधान पर बहस की मांग की। खड़गे ने कहा कि यह समय की मांग है और संविधान के बारे में गंभीर चर्चा होनी चाहिए। इससे पहले, अदाणी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी अपना पक्ष रखा और कहा कि वे नियम 267 के तहत इस मुद्दे को उठाएंगे।
विपक्ष का आरोप और सरकार का रुख
विपक्ष ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने अदाणी समूह के मामले में उचित कार्रवाई नहीं की। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। दूसरी ओर, सरकार ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि मामले में सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं होने दी जाएगी।
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से अपील की कि वे नारेबाजी बंद करें और सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से चलने दें। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक सदस्य को अपने मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर दिया जाएगा, लेकिन कार्यवाही को बाधित करने का कोई औचित्य नहीं है।
संसद के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही में विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए मुद्दों और हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित हो गई। कांग्रेस और सपा ने अदाणी समूह और संभल की घटना पर चर्चा की मांग की, जबकि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने संविधान पर बहस की अपील की। इन घटनाओं से यह स्पष्ट है कि संसद में इस सत्र के दौरान विपक्ष सरकार के खिलाफ तीखे हमले करने का इरादा रखता है, जबकि सरकार भी इन आरोपों का जोरदार खंडन कर रही है।