डिजिटल युग में जहां टेक्नोलॉजी लोगों के लिए सुविधाएं लेकर आई है, वहीं साइबर अपराधी इसका फायदा उठाकर नए-नए तरीके से फ्रॉड को अंजाम दे रहे हैं। गूगल ने हाल ही में साइबर फ्रॉड को लेकर यूजर्स को चेतावनी जारी की है। गूगल की ट्रस्ट एंड सेफ्टी टीम ने 5 नए ऑनलाइन स्कैम ट्रेंड्स के बारे में जानकारी दी है, जिनका इस्तेमाल स्कैमर्स लोगों को ठगने के लिए कर रहे हैं। इन तरीकों में सोशल इंजीनियरिंग, नकली ऑफर्स, और फर्जी ऐप्स के जरिए फ्रॉड जैसे तरीके शामिल हैं। आइए जानते हैं इन खतरनाक ट्रेंड्स के बारे में और उनसे बचने के उपाय।
1. डीपफेक स्कैम
आज के समय में डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर फ्रॉड के लिए किया जा रहा है। साइबर अपराधी जेनरेटिव एआई का इस्तेमाल करके रियलिस्टिक पब्लिक फिगर या सेलिब्रिटी का नकली वीडियो बनाते हैं। इसके जरिए वे लोगों को फर्जी इन्वेस्टमेंट और गिवअवे ऑफर्स का लालच देते हैं। ये वीडियो इतने असली लगते हैं कि लोग आसानी से उनके झांसे में आ जाते हैं।
बचाव के उपाय:
किसी भी एआई जेनरेटेड वीडियो में चेहरे के हाव-भाव और आवाज का बारीकी से निरीक्षण करें।
अगर कोई वीडियो या मैसेज असामान्य लगे तो सतर्क हो जाएं।
किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले उसकी प्रमाणिकता की जांच करें।
2. क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट स्कैम
क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते क्रेज के साथ साइबर अपराधियों ने इसे धोखाधड़ी का जरिया बना लिया है। वे हाई-रिटर्न का लालच देकर लोगों को नकली प्लेटफॉर्म पर इन्वेस्ट करवाते हैं और उनकी रकम हड़प लेते हैं।
बचाव के उपाय:
किसी भी निवेश से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें।
अगर रिटर्न असामान्य रूप से ज्यादा बताया जा रहा है, तो यह फ्रॉड हो सकता है।
केवल विश्वसनीय और वैध क्रिप्टो प्लेटफॉर्म का ही उपयोग करें।
3. फर्जी ऐप्स का खतरा
हैकर्स अब फर्जी ऐप्स का सहारा ले रहे हैं। ये ऐप्स दिखने में किसी प्रसिद्ध ब्रांड के असली ऐप्स की तरह होते हैं। जब यूजर्स इन ऐप्स को डाउनलोड करते हैं और अपनी निजी जानकारी दर्ज करते हैं, तो वह सीधे हैकर्स के पास पहुंच जाती है।
बचाव के उपाय:
केवल गूगल प्ले स्टोर या ऐपल ऐप स्टोर से ही ऐप्स डाउनलोड करें।
किसी भी थर्ड पार्टी ऐप्स या अज्ञात लिंक पर भरोसा न करें।
ऐप डाउनलोड करने से पहले उसकी रेटिंग और रिव्यू जरूर पढ़ें।
4. लैंडिंग पेज क्लोकिंग (Cloaking)
यह तकनीक साइबर अपराधियों के लिए सबसे प्रभावी है। इसमें वे असली वेबसाइट की तरह फर्जी वेबसाइट बनाते हैं और यूजर्स को धोखे से उस पर रीडायरेक्ट करते हैं। जैसे ही यूजर्स अपनी डेबिट या क्रेडिट कार्ड की जानकारी दर्ज करते हैं, वह डेटा चोरी हो जाता है।
बचाव के उपाय:
वेबसाइट के URL को ध्यान से चेक करें।
केवल उन वेबसाइट्स का उपयोग करें जो HTTPS से शुरू होती हैं।
किसी भी अनजान ई-कॉमर्स वेबसाइट पर खरीदारी से बचें।
5. बड़े इवेंट्स और प्राकृतिक आपदाओं का फायदा
साइबर अपराधी बड़े इवेंट्स, जैसे चुनाव या प्राकृतिक आपदाओं के दौरान लोगों से फर्जी चैरिटी के नाम पर पैसा मांगते हैं। लोग भावनात्मक रूप से प्रभावित होकर उनके झांसे में आ जाते हैं और फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं।
बचाव के उपाय:
किसी भी चैरिटी या डोनेशन के लिए पहले उसकी वैधता जांचें।
केवल सरकारी या विश्वसनीय संस्थानों को ही दान करें।
ईमेल या मैसेज के जरिए आए चैरिटी रिक्वेस्ट को तुरंत स्वीकार न करें।
गूगल की सलाह
गूगल ने सभी यूजर्स को डिजिटल माध्यमों का उपयोग करते समय सतर्क रहने की सलाह दी है। यह सुनिश्चित करें कि किसी भी लिंक, ईमेल, या ऑफर को क्लिक करने से पहले उसकी सत्यता जांचें। फर्जी ऑफर्स और अनरियलिस्टिक स्कीम्स से बचें।
डिजिटल युग में सुरक्षित रहने के लिए लोगों को खुद सतर्क रहना होगा। साइबर अपराधी हमेशा नए-नए तरीके निकालते रहते हैं, लेकिन थोड़ी सावधानी बरतने से आप इनसे बच सकते हैं।