चंडीगढ़ स्थित पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआई) से इलाज कराने वाले मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। पीजीआई का टेलीमेडिसिन विभाग, जो अभी तक हरियाणा को अपनी सेवाएं दे रहा था, अब हिमाचल प्रदेश के मरीजों को भी यह सुविधा देने की योजना बना रहा है। विभाग के प्रमुख डॉ. बिमान सैकिया ने इस बारे में जानकारी दी।
हरियाणा के बाद हिमाचल की बारी
डॉ. सैकिया ने बताया कि पीजीआई ने हाल ही में तीन दिवसीय टेलीमेडिसिन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर केंद्रित सम्मेलन आयोजित किया। सम्मेलन के दौरान कई देशों ने पीजीआई के टेलीमेडिसिन मॉडल को देखा और सराहा। हिमाचल प्रदेश सरकार ने भी इस सेवा में रुचि दिखाई है। यदि सबकुछ योजना के अनुसार रहा, तो हिमाचल प्रदेश के दूर-दराज इलाकों में रहने वाले मरीज भी जल्द ही पीजीआई के डॉक्टरों से परामर्श ले सकेंगे।
टेलीमेडिसिन की बढ़ती आवश्यकता
टेलीमेडिसिन तकनीक के जरिए मरीज और डॉक्टर बिना अस्पताल आए-बैठे संवाद कर सकते हैं। इससे न केवल डॉक्टर और मरीज का समय बचेगा, बल्कि भीड़भाड़ वाले अस्पतालों पर दबाव भी कम होगा। वर्तमान में पीजीआई में ट्राइसिटी (चंडीगढ़, मोहाली, पंचकूला) के साथ पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू, उत्तराखंड और आसपास के राज्यों से बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए आते हैं।
मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी
पिछले कुछ वर्षों में पीजीआई में मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है।
- 2021 में: 14,23,487 मरीज
- 2022 में: 23,06,377 मरीज
- 2023 में: 27,05,020 मरीज
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि मरीजों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। वर्तमान में पीजीआई में 34 बड़े क्लीनिकल विभाग हैं, और हर विभाग में मरीजों का दबाव बढ़ता जा रहा है।
हरियाणा और हिमाचल से सबसे ज्यादा मरीज
पीजीआई में इलाज कराने वाले मरीजों में हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से आने वालों की संख्या सबसे अधिक है। ऐसे में टेलीमेडिसिन सेवा इन राज्यों के मरीजों के लिए वरदान साबित हो सकती है। डॉक्टरों के मुताबिक, यह सुविधा शुरू होने से मरीजों को छोटे-छोटे इलाज के लिए बार-बार पीजीआई आने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
भविष्य की योजना
टेलीमेडिसिन विभाग ने बीते वर्षों में कई नई सेवाएं शुरू की हैं, और आने वाले समय में यह तकनीक और अधिक विकसित होगी। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह सुविधा मरीजों और डॉक्टरों दोनों के लिए फायदेमंद होगी। हिमाचल प्रदेश के दूर-दराज इलाकों में रहने वाले मरीजों को इससे विशेष लाभ मिलेगा।
टेलीमेडिसिन के विस्तार से पीजीआई का यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं में एक नई क्रांति लाने वाला साबित होगा।