केंद्र सरकार ने पेट्रोल, डीजल और क्रूड ऑयल पर विंडफॉल टैक्स को किया खत्म
केंद्र सरकार ने पेट्रोल, डीजल, एटीएफ (एविएशन टर्बाइन फ्यूल) और कच्चे तेल (क्रूड ऑयल) के उत्पादों पर लगने वाले विंडफॉल टैक्स को खत्म करने का ऐलान किया है। वित्त मंत्रालय की ओर से शीतकालीन सत्र के दौरान संसद के पटल पर इस फैसले की जानकारी दी गई। इस फैसले के बाद, इन उत्पादों पर लगने वाले विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (Special Additional Excise Duty) और रोड-इंफ्रास्ट्रक्चर सेस (Road and Infrastructure Cess) को वापस ले लिया गया है।
विंडफॉल टैक्स क्या था? विंडफॉल टैक्स को सरकार ने जुलाई 2022 में लागू किया था। तब कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आई थी, जिससे घरेलू तेल कंपनियों को पेट्रोल, डीजल, एटीएफ के निर्यात से भारी मुनाफा हो रहा था। इसी मुनाफे पर टैक्स लगाने का फैसला लिया गया था। इसके अलावा, सरकार ने कच्चे तेल के घरेलू उत्पादन पर भी एक विशेष सेस लगा दिया था। इसके साथ ही, पेट्रोल और डीजल के निर्यात पर एक्सपोर्ट ड्यूटी भी लागू की गई थी।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद टैक्स लगाया गया 2022 में रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण वैश्विक कच्चे तेल की कीमतें बढ़ गई थीं। इस दौरान, भारत की सरकारी और निजी तेल रिफाइनिंग कंपनियों ने रूस से सस्ते में कच्चा तेल आयात किया और उसे रिफाइन करके विदेशों में ऊंचे दामों पर पेट्रोल, डीजल और एटीएफ बेचा। इसके चलते इन कंपनियों को भारी मुनाफा हुआ, जिससे सरकार ने इन पर विंडफॉल टैक्स लगाने का फैसला किया था।
विंडफॉल टैक्स को खत्म करने का निर्णय कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आने के बाद सरकार ने लंबे समय से चल रहे कयासों के बाद विंडफॉल टैक्स को खत्म करने का निर्णय लिया। वित्त मंत्रालय ने कहा कि यह कदम घरेलू बाजार में तेल की कीमतों में स्थिरता बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है। सरकार ने इसके साथ ही, यह भी कहा कि यह टैक्स रेट हर 15 दिनों में समीक्षा किए जाते थे, और अब यह टैक्स समाप्त किया जा रहा है।
रिलायंस के शेयर में तेजी विंडफॉल टैक्स के खत्म होने के बाद, बाजार में इसकी सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में जबरदस्त उछाल आया है। विंडफॉल टैक्स हटाने के बाद, रिलायंस के शेयर लगभग 1 फीसदी बढ़कर 1300 रुपये के स्तर को पार करते हुए 1305 रुपये पर कारोबार कर रहे हैं। इससे निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिल सकता है, और कंपनी के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है।
निर्यात और उत्पादन पर असर विंडफॉल टैक्स के खत्म होने से देश की तेल रिफाइनिंग कंपनियों को राहत मिलेगी, क्योंकि यह टैक्स उनके निर्यात कारोबार और उत्पादन पर दबाव डाल रहा था। अब कंपनियां बिना किसी अतिरिक्त टैक्स के अपने उत्पादों का निर्यात करने में सक्षम होंगी, जो उनके मुनाफे को बढ़ावा दे सकता है।
निष्कर्ष केंद्र सरकार का यह निर्णय तेल कंपनियों के लिए राहत का संकेत है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट को ध्यान में रखते हुए, यह फैसला लिया गया है। इसके बाद, उम्मीद की जा रही है कि घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी स्थिरता आएगी। इसके साथ ही, रिलायंस जैसी बड़ी कंपनियों के शेयरों में भी तेजी देखने को मिल सकती है, जिससे निवेशकों को लाभ हो सकता है।