पंजाब के स्थानीय सरकार मंत्री डॉ. रवजोत सिंह ने घोषणा की है कि शहरी क्षेत्रों में 100 प्रतिशत आबादी को साफ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए व्यापक योजना तैयार की गई है। इस योजना के तहत, पानी की कमी से जूझ रहे इलाकों में प्राथमिकता के आधार पर पंजाब वॉटर सप्लाई और सीवरेज बोर्ड के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
फगवाड़ा में नई परियोजना का शुभारंभ
आज फगवाड़ा में 4.35 करोड़ रुपये की लागत से पूर्ण किए जाने वाले वॉटर सप्लाई प्रोजेक्ट का नींव पत्थर रखा गया। मंत्री ने बताया कि इस परियोजना के अंतर्गत संतोषपुरा, गोबिंदपुरा, कोठड़ा, नकोदर रोड, पुरेवाल नगर और खलवाड़ा रोड के 8,000 से अधिक निवासियों को साफ पेयजल मिलेगा। इस परियोजना के लिए 9 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई जा रही है और 1,000 से अधिक घरों को पानी के कनेक्शन दिए जाएंगे।
इस प्रोजेक्ट को 27 मई 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
संबंधित अधिकारियों को निर्देश
मंत्री ने नगर निगम फगवाड़ा की आयुक्त, नवनीत कौर बल्ल को निर्देश दिए कि परियोजना की प्रगति पर करीबी नजर रखें ताकि इसे समय पर पूरा किया जा सके और लोगों को शीघ्र पानी की सुविधा दी जा सके। उन्होंने वॉटर सप्लाई और सीवरेज बोर्ड के अधिकारियों को हर पखवाड़े प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
भविष्य की योजनाएं
डॉ. रवजोत सिंह ने कहा कि राज्य सरकार जल संकट को दूर करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। राज्य के नगर निगम और नगर परिषदों को पानी की आपूर्ति के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि यह पहल न केवल पानी की समस्या को हल करेगी बल्कि पंजाब को जल संकट मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
परियोजना के लाभ
4.35 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट के सफलतापूर्वक पूरा होने पर निम्नलिखित लाभ होंगे:
- 8,000 से अधिक निवासियों को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति।
- जलस्रोतों का उचित प्रबंधन और संरक्षण।
- शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में कमी।
प्रमुख उपस्थित सदस्य
इस मौके पर पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी के हलका इंचार्ज जोगिंदर सिंह मान, जिला योजना बोर्ड की चेयरपर्सन ललित सकलानी, नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन कश्मीर सिंह, आप के प्रवक्ता हर्नूर सिंह मान, और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
यह पहल न केवल शहरी क्षेत्रों में पानी की समस्या को हल करने का प्रयास है, बल्कि यह सुनिश्चित करने का भी एक कदम है कि राज्य के हर नागरिक को उनकी बुनियादी जरूरतें पूरी हों। सरकार की यह पहल पंजाब को जल संकट मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।