राज्यसभा की कार्यवाही में बुधवार को उस समय भारी हंगामा शुरू हो गया जब सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन में 500 रुपये के नोटों की गड्डी मिलने की जानकारी दी। यह नोटों की गड्डी राज्यसभा की सीट संख्या 222 के नीचे से बरामद की गई, जो वर्तमान में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद अभिषेक मनु सिंघवी को आवंटित है। इस घटना को लेकर सदन के भीतर और बाहर राजनीति गरमा गई है।
सभापति की घोषणा और कांग्रेस का विरोध
सभापति धनखड़ ने सदन में बताया कि नियमित जांच के दौरान सुरक्षा अधिकारियों ने यह गड्डी बरामद की। उन्होंने इस घटना को गंभीर बताते हुए कहा कि कानून के अनुसार इसकी पूरी जांच कराई जाएगी। हालांकि, कांग्रेस ने इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि बिना जांच के किसी का नाम लेना अनुचित है।
कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह उन्हें बदनाम करने की साजिश है। उन्होंने सफाई देते हुए कहा, “मैं जब भी राज्यसभा जाता हूं तो 500 रुपये का नोट लेकर जाता हूं। मैंने इस बारे में पहली बार सुना है। कल 12:57 बजे सदन में पहुंचा और 1 बजे सदन की कार्यवाही समाप्त हुई। उसके बाद मैं संसद की कैंटीन में अवधेश प्रसाद के साथ बैठा और फिर संसद से चला गया।” सिंघवी ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की।
भाजपा ने घटना को गंभीर बताया
बीजेपी ने इस मुद्दे पर कांग्रेस पर निशाना साधा। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, “यह घटना बेहद गंभीर है। यह संसद की गरिमा पर आघात है। पक्ष और विपक्ष दोनों को इस घटना का विरोध करना चाहिए। हमें उम्मीद है कि जांच निष्पक्ष और प्रभावी होगी।”
बीजेपी के अन्य नेताओं ने भी कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह घटना भ्रष्टाचार का संकेत हो सकती है और इस मामले की गहन जांच होनी चाहिए।
संसद की गरिमा पर सवाल
इस घटना ने संसद की गरिमा और सुरक्षा पर भी सवाल खड़े किए हैं। विपक्षी दलों ने इसे साजिश करार दिया, जबकि सत्ताधारी दल ने इसे गंभीर मामला बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की। सभापति धनखड़ ने स्पष्ट किया कि सुरक्षा जांच में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी और दोषियों को कानून के दायरे में लाया जाएगा।
राजनीतिक विवाद तेज
घटना को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गया है। जहां कांग्रेस इसे बदनाम करने की साजिश बता रही है, वहीं बीजेपी इसे कांग्रेस की कार्यशैली पर सवाल उठाने का अवसर मान रही है।
अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि इस मामले की जांच से क्या तथ्य सामने आते हैं। संसद की गरिमा को बनाए रखने के लिए जरूरी है कि इस घटना की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।