बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को गोपालगंज दौरे पर पहुंचे, जहां उन्होंने जिले के कटेया क्षेत्र में एक दुग्ध उत्पादन संयंत्र की आधारशिलार खेंगे । इस परियोजना का उद्देश्य दुग्ध उत्पादकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना और रोजगार के अवसर सृजित करना है। मुख्यमंत्री के साथ इस समारोह में कई वरिष्ठ मंत्री, अधिकारी और स्थानीय नेता भी शामिल हुए।
60 करोड़ की लागत से बनेगा संयंत्र
गोपालगंज में स्थापित होने वाला यह संयंत्र 60 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया जाएगा। इसे बिहार स्टेट मिल्क कोऑपरेटिव फेडरेशन (कॉमफेड) द्वारा निर्मित किया जाएगा। संयंत्र की क्षमता प्रतिदिन एक लाख लीटर दूध प्रसंस्करण की होगी। इस परियोजना से न केवल दुग्ध उत्पादकों को अपना दूध आसानी से खपत करने में मदद मिलेगी, बल्कि दुग्ध उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा। यह संयंत्र उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे कटेया क्षेत्र में स्थापित किया जा रहा है, जिससे आसपास के इलाकों को भी इसका लाभ मिलेगा।
रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
इस परियोजना के शुरू होने से गोपालगंज और आसपास के क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ, स्थानीय किसानों और दुग्ध उत्पादकों को आर्थिक लाभ होगा। संयंत्र के माध्यम से दूध और उसके उत्पादों का प्रसंस्करण एवं विपणन सुचारू रूप से किया जाएगा, जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
मुख्यमंत्री के दौरे को देखते हुए गोपालगंज में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। समारोह स्थल और उसके आसपास भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। सुरक्षा जांच के साथ ही मुख्यमंत्री के काफिले की आवाजाही के लिए विशेष इंतजाम किए गए।
नेताओं की उपस्थिति
इस कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा और पूर्व उप मुख्यमंत्री रेणु देवी के भी शामिल होने की संभावना थी। कार्यक्रम स्थल पर मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया गया।
दुग्ध उत्पादकों को मिलेगा लाभ
गोपालगंज में यह संयंत्र स्थानीय दुग्ध उत्पादकों के लिए वरदान साबित होगा। क्षेत्रीय किसान अब आसानी से अपने दूध का विपणन कर सकेंगे। संयंत्र के माध्यम से दूध को आधुनिक तकनीकों से प्रसंस्कृत कर बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे किसानों को उचित मूल्य मिल सकेगा।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर दुग्ध उत्पादन और सहकारी आंदोलन को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है।