दक्षिण कोरिया की पुलिस ने बुधवार, 11 दिसंबर को राष्ट्रपति कार्यालय पर छापा मारा। यह कार्रवाई राष्ट्रपति यूं सुक येओल के खिलाफ चल रही आपराधिक जांच के तहत की गई है। उन पर संक्षिप्त मार्शल लॉ लागू करने के संबंध में विद्रोह के आरोप लगाए गए हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, राष्ट्रपति यूं पर आरोप है कि उन्होंने संवैधानिक प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए अस्थायी मार्शल लॉ लागू करने की योजना बनाई थी। इस योजना को लेकर विपक्षी दलों और समाज के विभिन्न वर्गों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
पुलिस ने छापेमारी के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए हैं, जिनसे जांच में मदद मिलने की उम्मीद है। अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई इस मामले में शामिल अन्य संदिग्ध व्यक्तियों और घटनाओं की कड़ी जोड़ने के लिए की गई है।
इस मामले ने दक्षिण कोरिया में राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति यूं के इस्तीफे की मांग की है और इसे लोकतंत्र पर खतरा बताया है। वहीं, राष्ट्रपति कार्यालय ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि यह राजनीतिक द्वेष के तहत उठाया गया कदम है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस घटना ने दक्षिण कोरिया की राजनीति और प्रशासनिक संरचना पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। राष्ट्रपति यूं सुक येओल के खिलाफ पहले से ही कई विवाद चल रहे थे, लेकिन इस घटना ने उनके प्रशासन की साख को और गहरा झटका दिया है।
छापेमारी के बाद पुलिस ने मामले की विस्तृत जानकारी देने से इनकार किया, लेकिन जांच में तेजी लाने का आश्वासन दिया है। आने वाले दिनों में इस मामले में और भी खुलासे होने की संभावना है।